आनंद मार्ग कि ओर से सोनारी कब्रिस्तान एवं फागुबाबा श्मशान घाट में 50 दुर्लभ प्रजाति के औषधिय अशोक एवं त्रिफला पौधे का निशुल्क वितरण
आनंद मार्ग की ओर से 31 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रत्येक दीन सुबह 6 बजे से 8 बजे तक धार्मिक स्थलों में रोपण के लिए बांटे जाएंगे दुर्लभ प्रजाति के पौधे
अशोक का मतलब होता है जहां शोक ना हो
जमशेदपुर :
आनंद मार्ग कि ओर से सोनारी कबीर मंदिर के पास , सोनारी कब्रिस्तान एवं फागुबाबा श्मशान घाट में दुर्लभ प्रजाति के अशोक एवं त्रिफला पौधे का निशुल्क वितरण । दुर्लभ प्रजाति के 50 औषधिय अशोक एवं त्रिफला (हरे , आंवला एवं बहेरा )के पौधे का निशुल्क वितरण किया गया। मंदिर प्रांगण सभी कब्रिस्तान एवं श्मशान घाट सुरक्षित स्थान है इसको ध्यान में रखते हुए प्रत्येक धार्मिक स्थल जहां पर पौधा लगाने के लिए सुरक्षित स्थान है उन सब धार्मिक स्थलों में घूम-घूम कर पौधा का वितरण 31 जनवरी से 27 फरवरी तक ।
प्रत्येक दिन सुबह 6:00 बजे से 8:00 तक किया जाएगा
सोनारी कबीर मंदिर के पास भी वितरण किया जायेगा।
लोगों को सुनील आनंद ने बताया कि आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की* ओर से , प्राकृतिक में जो प्राकृतिक असंतुलन बना हुआ है उसी के कारण आज पृथ्वी असंतुलित है ,इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण पर्यावरण की कमी । प्राकृतिक के इसी कमी को पूरा करने के लिए आनंद मार्ग की ओर से एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है। सोनारी कबीर मंदिर के पास भी दुर्लभ प्रजाति के लाल फूल वाला औषधिय अशोक वितरित किया गया।
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल जमशेदपुर के सुनील आनंद का कहना है कि आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने यौगिक चिकित्सा एवं द्रव्य गुण एवं कृषि कथा में औषधिय अशोक की उपलब्धता एवं औषधीय महत्व के विषय में चर्चा करते हुए बताते हैं कि सीता अशोक शो प्लांट के रूप में लगाए जाने वाले अशोक से भिन्न है। अशोक फूल अधिकांश क्षेत्रों में लाली फूल लिए होते हैं किंतु सुनहरे और पीले अशोक फूल भी होते हैं। अशोक अतिगर्म अंचल, अति शीतल अंचल छोड़कर भारत में सभी जगह अशोक का पेड़ होता है। अशोक का फूल, छाल और मूल नाना प्रकार के औषधीय बनाने में काम आते हैं। विशेषकर विभिन्न प्रकार महिलाओं से संबंधित व्याधियों में अशोक के औषधीय गुण सर्व स्वीकृत है। अशोकासव, अशोकारिष्ट औषधियां अशोक से बनती है। अशोक का मतलब होता है जहां शोक ना हो।