इस गंदगी को साफ करने के लिये भी प्रयास होना चाहिये…
डिमना लेक का पानी जो जमशेदपुर के लिये वरदान कहा जा सकता है। जहाँ बारिश के पानी का प्राकृतिक रूप से एकत्रित पानी पूरे बर्ष टाटा स्टील कारखाने एवं लौह नगरी की जनता की प्यास बुझाने का काम करता है वही मूर्ति विसर्जन के बाद लेक के किनारे पड़े पूजा सामाग्री एवं मूर्तियों के अवशेष पानी को बड़े पैमाने पर प्रदूषित करता है। यही नही प्लास्टिक की थैलियों को मछलियाँ खाकर मर जाती हैं जो पुनः प्रदूषण का कारण बनती हैं। ऐसे में विसर्जन के बाद अगर लेक के किनारे पड़े कचरे को साफ करा दिया जाए तो लेक में खिले कमल के फूलों की सुंदरता अपने तरफ सैलानियों को आकर्षिक करेगा जो सैलानी पिकनिक के दिनों में डिमना आते हैं।
अतः हम सबको आस्था के साथ साथ स्वच्छता का ध्यान रखते हुवे इन इलाकों की सफाई की ब्यवस्था करना चाहिए।
सुशील कुमार सिंह (पूर्व सैनिक)
स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर