एमजीएम अस्पताल की घटना को लेकर डालसा की टीम एमजीएम पहुंची , कहा : घायल एवं मृतक के परिजनो को हर संभव मदद किया जाएगा।

एमजीएम अस्पताल की घटना को लेकर डालसा की टीम एमजीएम पहुंची , कहा : घायल एवं मृतक के परिजनो को हर संभव मदद किया जाएगा।
जमशेदपुर । झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय सुजीत नारायण प्रसाद के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व्यवहार न्यायालय जमशेदपुर के मार्गदर्शन में डालसा की टीम ने एमजीएम अस्पताल एवं टीएमएच पहुंचे और घटना में जख्मी एवं मृतक के परिजन से मिले । डालसा टीम में शामिल माननीय बिमलेश कुमार सहाय, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रभारी), सीजेएम विशाल गौरव, एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रभारी सचिव अभिषेक प्रसाद तथा प्रभारी न्यायाधीश सिद्धांत तिग्गा समेत कोर्ट स्टाफ और पीएलवी के साथ आज लगभग 09:45 बजे एम.जी.एम. अस्पताल का दौरा किया, जहां दिनांक 03-05-2025 को लगभग 03:20 बजे मेडिसिन वार्ड की छत गिरने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद न्यायिक पदाधिकारियों ने उस जगह का अवलोकन किया और देखा कि सबसे ऊपरी मंजिल (‌द्वितीय मंजिला से लेकर भूतल तक की छत ढही हुई थी । इस दौरान एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर के अधीक्षक ‌द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जानकारी दिया गया कि तीन व्यक्ति व्यक्ति की उक्त हादसे में मृत्यु हो गई है और दो मरीज इलाजरत हैं जिनमें एक गंभीर रूप से जख्मी हो चुकी वृद्ध महिला को टीएमएच में रेफर किया गया है। मृतकों में शामिल पहला व्यक्ति लुकास साइमन तिर्की, उम्र लगभग 61 वर्ष, निवासी गदरा, गोविंदपुर, पूर्वी सिंहभूम का है एवं दूसरा व्यक्ति डेविड जॉनसन, उम्र लगभग 70 वर्ष, निवासी स्ट्रेट माइल रोड, साकची, जमशेदपुर का रहने वाला है और तीसरा व्यक्ति श्रीचंद तांती, उम्र लगभग 50 वर्ष, निवासी तांती क्लब, सरायकेला खरसावां है । जो इलाज के दौरान दुर्भाग्य से मर गए तथा दो जख्मी व्यक्ति अर्थात् 1. सुनील कुमार, उम्र लगभग 48 वर्ष, निवासी ट्रैफिक कॉलोनी, परसुडीह, पूर्वी सिंहभूम और 2. श्रीमती रेणुका देवी, उम्र लगभग 72 वर्ष, जो अपने बेटे श्रीचंद तांती (मृतक) से मिलने आई थी, घायल हो गई। रेणुका देवी, उम्र 72 वर्ष, को बेहतर इलाज के लिए तत्काल टीएमएच भेजा गया है । जबकि सुनील कुमार एमजीएम अस्पताल में ही इलाजरत है ।

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एमजीएम भ्रमण के दौरान डालसा टीम जख्मी व्यक्ति सुनील कुमार से मुलाकात की, जिन्होंने घटित घटना के बारे में विस्तार से बताया तथा उन्होंने यह भी कहा कि उनका समुचित इलाज किया जा रहा है । अब उनकी स्थिति बेहतर है। इसके बाद डालसा टीम टीएमएच भी गई, जहां जख्मी वृद्ध महिला श्रीमती रेणुका देवी से मिले, जो वर्तमान में क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती हैं तथा उनका इलाज चल रहा है। चूंकि मृतक तथा एक घायल के परिजन का पता नहीं चल पाया था, इसलिए पीएलवी नागेन्द्र कुमार एवं दिलीप जायसवाल की मदद से जमशेदपुर निवासी के दो मृतकों के परिजनों का पता लगाया गया तथा उन्हें घटना के बारे में विधिवत जानकारी दी गई। इसके अलावा मृतक श्रीचंद तांती तथा घायल रेणुका देवी में से एक सरायकेला-खरसावां जिले के हैं, इसलिए डालसा सरायकेला के सचिव एवं सरायकेला के पीएलवी मुकेश कुमार मिश्रा एवं फ़ागुराम महतो द्वारा उनके परिजनों का भी पता लगाया गया तथा उन्हें घटना के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही डालसा जमशेदपुर ने मृतक तथा घायल के परिजनों का पता लगाने, अस्पताल में आवश्यक कागजी कार्रवाई में मदद करने तथा दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ितों के शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कराने में हरसंभव प्रयासरत हैं।

वहीं जमशेदपुर के पीएलवी नागेंद्र कुमार घटना के दिन यानी 03-05-2025 को एमजीएम अस्पताल में मौजूद भी रहे और देर रात तक घायल व्यक्तियों को बचाने में सक्रिय रूप से भाग लिया। वहीं मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रभारी) माननीय बिमलेश कुमार सहाय ने कहा कि दुर्घटना में जख्मी हुए मरीज और मृतकों के परिजनों को न्यायायिक प्रक्रिया के तहत हर संभव मदद दिलाया जाएगा । वहीं एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुरिटेंडेंट डॉक्टर आर के मंधान एवं वाईस सुरिटेंडेंट डॉक्टर नकुल चौधरी ने डालसा टीम को बताया कि एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन वार्ड के कॉरिडोर (बरामदे) की छत बहुत पूरानी होने के कारण ढह गई। उक्त बारमदे से सटे मेडिसिन वार्ड के कक्ष में काफी दिन से भर्ती 04 (चार) मरीजों को बेड आवंटित किया गया था। जिनके परीजन न के बराबर उनसे मिलने आया करते थे। कक्ष के बाहर सटे उक्त बरामदे में लैट्रिन / बाथरूम के लिए मरीजों का अक्सर बरामदे में आना-जाना लगा रहता था। बरामदा कक्ष के ठीक बाहर होने के उक्त मरीज दोपहर भोजन करने के पश्चात् बरामदे में बैठने/टहलने/लैट्रिन बाथरूम के लिए आये हुए थे। ठीक उसी बीच उक्त बरामदे के उपर का छत टूट कर गिरा। उस समय चार मे से 01 (एक) मरीज वहाँ से हट गये जिनके सिर में मामूली चोट लगी जिनका नाम सुनील कुमार उम्र 48 वर्ष है ।

यह मरीज डॉ० विकम मुर्मु के यूनिट में दिनांक 17.12.2024 से ईलाजरत हैं। परन्तु 03 (तीन) मरीजों की मलबा में दबने से मृत्यु हो गई। एक मृतक (श्रीचंद ताँती) को देखने के लिए उनकी माता श्रीमति रेनुका देवी, 72 वर्ष उस समय आई आई हुई थी, वह भी मलबे में दबकर द्वितीय तल पर फंस गई थी, उन्हें तत्काल अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा बाहर निकाला गया एवं उनको अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ईलाज शुरू किया। छत ढहने की वजह से ऑक्सीजन पाईप भी टूट गया था। इसलिए मरीज श्रीमति रेनुका देवी की स्थिति को देखते हुये एवं उनकी ऑक्सीजन की आवश्यकता के कारण उन्हें बेहतर ईलाज हेतु तत्काल टी०एम०एच० रेफर कर दिया गया, जहाँ उनकी स्थिति स्थिर है। डालसा टीम टीएमएच में भी जाकर मरीज की हालत एवं वहां की वस्तु स्थिति से अवगत हुए ।
[19:28, 04/05/2025] +91 98523 06954: एमजीएम हादसे के बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा विधायक पूर्णिमा साहू पर की शर्मनाक बयानबाजी, पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने दिया करारा जवाब, कहा- मंत्री के बड़बोलेपन और अक्षमता की भेंट चढ़ा एमजीएम हादसा

जमशेदपुर। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एमजीएम अस्पताल हादसे के बाद अपनी संवेदनहीनता और अक्षमता का एक बार फिर से प्रदर्शन किया है। उनके विभाग की अक्षमता और नकारापन के कारण तीन गरीब जिंदगियों के असमय चले जाने से पूरा झारखंड शोक में डूबा है, लेकिन इरफान अंसारी ने इस दुख की घड़ी में भी जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू पर अभद्र और हल्की टिप्पणी कर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पूर्णिमा साहू अस्पताल जब पहुंचीं तो उनके चेहरे पर “केक लगा हुआ था।” इस गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक बयान ने न केवल एक महिला विधायक का अपमान किया है बल्कि उन परिवारों के जख्मों को कुरेदा, जो अपने प्रियजनों को खोने के असहनीय दर्द से गुजर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री के इस हरकत पर भाजपा जमशेदपुर महानगर के पूर्व अध्यक्ष और पूर्वी विधायक प्रतिनिधि गुंजन यादव ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि इरफान अंसारी का यह बयान उनकी ओछी मानसिकता और बेशर्मी का जीता-जागता सबूत है। जब एमजीएम अस्पताल में लापरवाही के चलते मरीजों की जान जा रही थी, तब स्वास्थ्य मंत्री के पास संवेदना व्यक्त करने के बजाय हल्की बयानबाजी करने का समय था। उनकी नाकामी, बड़बोलेपन और लापरवाही ने गरीब मरीजों की जिंदगियां छीन लीं।

गुंजन यादव ने हेमंत सरकार की नाकामियों को बेनकाब करते हुए कहा कि डिमना में एमजीएम अस्पताल की नई इमारत का निर्माण कार्य पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने शुरू किया था। भूमि अधिग्रहण, फंड आवंटन, प्रशासनिक स्वीकृति और एलएनटी को निर्माण का जिम्मा देने जैसे महत्वपूर्ण कदम उस समय उठाए गए थे। लेकिन चुनाव से पूर्व हेमंत सरकार ने सस्ती वाहवाही और श्रेय लूटने की होड़ में अधूरी इमारत का उद्घाटन कर दिया। आज वह अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। जिसमें ऑक्सीजन प्लांट आज तक नहीं लगा, ब्लड बैंक शिफ्ट नहीं हुआ, और ऑपरेशन थिएटर तक तैयार नहीं है। पानी की कमी, कचरा प्रबंधन की बदहाली और बुनियादी ढांचे का अभाव इस अस्पताल की जमीनी हकीकत है। गुंजन यादव ने तंज कसते हुए कहा कि इरफान अंसारी ने अपने पांच महीने के कार्यकाल में क्या किया? अगर वे अस्पताल की शिफ्टिंग और अस्पताल में सुविधाओं को लेकर जरा भी गंभीर होते, तो शायद यह हादसा न होता और उन मासूम जिंदगियों को बचाया जा सकता था। लेकिन वे तो चेहरा चमकाने और भाजपा के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी में मशगूल हैं।

गुंजन यादव ने इरफान अंसारी की जवाबदेही पर सवाल करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने झारखंड में पांच मेडिकल कॉलेज, देवघर में एम्स और रांची में कैंसर अस्पताल जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना में 84 बीमारियों को शामिल कर 4 लाख रुपये तक का इलाज सुनिश्चित किया गया और 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई। लेकिन हेमंत सरकार ने इस योजना को मात्र चार बीमारियों तक सीमित कर दिया। आज झारखंड के मरीज इलाज के लिए अपनी जमीन और घर बेचने को मजबूर हैं, परंतु मंत्री इरफान अंसारी को यह सब दिखाई नहीं देता है।

गुंजन यादव ने इरफान अंसारी को कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि आपकी लापरवाही ने मरीजों की जिंदगियां छीन लीं, और अब आपकी बेशर्मी जनता की संवेदनाओं का मखौल उड़ा रही है। ऑक्सीजन प्लांट, ब्लड बैंक और ऑपरेशन थिएटर जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना अस्पताल चलाना आपकी नाकामी का जीता-जागता सबूत है। पूर्णिमा साहू पर की गई आपकी ओछी टिप्पणी आपकी संवेदनहीनता और महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। गुंजन यादव ने मांग किया कि इरफान अंसारी तत्काल माफी मांगें और एमजीएम हादसे की उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषियों को सजा दें। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से ऐसे नकारा, अक्षम और बड़बोले मंत्री को अपने मंत्रिमंडल से बाहर करने का भी आग्रह किया।

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