हाईकोर्ट के जजों द्वारा अनावश्यक और बार-बार ब्रेक लेने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। जहां जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही हैं। पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कुछ ही जज ऐसे हैं, जिनके काम पर हमें गर्व होता है। पर कुछ जज ऐसे भी हैं जो हमें निराश कर रहे हैं।
जजों की पीठ ने कहा कि कई जज ऐसे हैं जो लगातार काम नहीं करते हैं। आमतौर पर चाय ब्रेक, कॉफी ब्रेक, इस ब्रेक, उस ब्रेक के लिए उठते हैं… वे लगातार तब तक काम क्यों नहीं करते…? जज केवल दोपहर के भोजन के लिए ब्रेक क्यों नहीं लेते। इससे वे बेहतर प्रदर्शन भी करेंगे और बेहतर परिणाम भी दे पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी झारखंड हाईकोर्ट के एक मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते समय की है। दरअसल झारखंड हाईकोर्ट ने साल 2022 में दोषसिद्धि और आजीवन कारावास के खिलाफ अपील पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। लेकिन अदालत ने अपना फैसला नहीं सुनाया। फैसला नहीं सुनाए जाने से प्रभावित चार लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।