जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन पर बुधवार को एक खास तरह की सुरक्षा अभ्यास यानी *एयर स्ट्राइक मॉक ड्रिल* की गई। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध जैसी परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए रेलवे सिविल डिफेंस ने यह अभ्यास किया, ताकि आम लोगों को आपातकालीन स्थिति में सही प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार किया जा सके।
इस मॉक ड्रिल का नेतृत्व रेलवे के सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर *संतोष कुमार* ने किया। उन्होंने लोगों को बताया कि अगर दुश्मन की तरफ से हवाई हमला होता है, तो सबसे पहला और जरूरी कदम है – *सीधे जमीन पर लेट जाना*, ताकि जान का जोखिम कम से कम हो।
ड्रिल के दौरान हमले के सायरन के बाद क्या करना है, कैसे खुद को सुरक्षित रखना है, और घायलों को कैसे अस्पताल पहुंचाना है – इन सभी पहलुओं को व्यावहारिक रूप से समझाया गया। इस अभ्यास में टाटानगर रेल सिविल डिफेंस के जवानों ने खुद प्रदर्शन कर लोगों को जागरूक किया।
रेल सिविल डिफेंस का मानना है कि रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों पर हवाई हमले की संभावना अधिक होती है। इसी कारण टाटानगर स्टेशन को मॉक ड्रिल के लिए चुना गया। मॉक ड्रिल सिर्फ स्टेशन तक सीमित नहीं रही, बल्कि पास के बाजार क्षेत्र में भी की गई।
ड्रिल में बताया गया कि हवाई हमला होते ही खुले स्थानों से दूर रहना, दीवार की आड़ लेना और जमीन पर लेट जाना सबसे सुरक्षित विकल्प होता है। घायलों की मदद और प्राथमिक चिकित्सा का अभ्यास भी किया गया।
गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार देशभर के संवेदनशील शहरों में इस तरह की मॉक ड्रिल की जा रही है, क्योंकि हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान