रांची:विधायक अंबा प्रसाद ओबीसी के हक और अधिकार की आवाज को सड़क से लेकर सदन तक बुलंद करती रही है ।इसी आवाज को दबाने के लिए उनके विरुद्ध ईडी की यह कार्रवाई एक राजनीतिक षड्यंत्र है।
यह मुखर आवाज कहीं लोकसभा में जाकर ओबीसी की आवाज को बुलंद ना करें इसलिए उन्हें घेरने का काम किया जा रहा है। ईडी आज सिर्फ राजनीतिक हथकंडा बनकर के रह गई है।
उक्त बातें आज प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि अंबा प्रसाद को लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए के एक बड़े नेता के इशारे पर ईडी द्वारा छापामारी की कार्रवाई की गई है।
झारखंड प्रदेश से कहने को तो कई ओबीसी सांसद और केंद्रीय में मंत्री तक हैं लेकिन वे सभी ओबीसी समुदाय के मुद्दे को कभी भी न तो संसद में रखते हैं और न ही आवाज को बुलंद करते हैं।
चाहे मामला जाति जनगणना का हो,ओबीसी का प्रमोशन में आरक्षण का हो, ओबीसी के क्रीमी लेयर हटाने का हो, ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का हो, उत्तर प्रदेश में 630 दिनों से धरना पर बैठे 69000 शिक्षक नियुक्ति में 6800 ओबीसी अभ्यर्थी का आरक्षण घोटाले सहित कई मामले में ओबीसी सांसदों की आवाज लोकसभा में नहीं निकलती है।
अंबा प्रसाद इन सब मामलों में वे झारखंड में सबसे अलग विधायक हैं वह न सिर्फ विधानसभा वल्कि सड़क पर भी उतर कर ओबीसी की हक हुकुक की आवाज को बुलंद करती है। वैसी स्थिति में झारखंड प्रदेश के ओबीसी समुदाय उनके साथ है।
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा अंबा प्रसाद के ऊपर ईडी के छापे की कड़ी निंदा करती है।
पूर्व में भी राज्यसभा सांसद धीरज साहू के विरुद्ध हुए ईडी के छापे पर भी राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने प्रमुखता से कहा था कि यह कार्रवाई सांसद धीरज साहू के सामाजिक राजनीतिक जीवन को दागदार और बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। और आज यही बात साबित भी हो गया।
ठीक वैसे ही आज विधायक अंबा प्रसाद के मामले में भी राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की बातें एक दिन सच साबित होगी।
प्रेस वार्ता में सूबेदार एस एन सिंह कुशवाहा, प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रसाद, विष्णु कुमार अजय मेहता, राम लखन साहू, वसीम अकरम, , राम अवतार कश्यप ,राजेश महतो आदि उपस्थित थे।