स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और केन्द्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में आज मकर संक्रांति के अवसर पर नदी, नगर और नागरिक विषय पर एक सार्थक संगोष्ठी का आयोजन साकची स्थित गांधी घाट में किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर पर्यावरणविद और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दो प्रमुख नदियाँ – स्वर्णरेखा और खरकई- जमशेदपुर औद्योगिक नगर के अस्तित्व में आने और हम नागरिकों के यहाँ होने का कारण हैं. पर्व-त्योहार-धार्मिक-सांस्कृतिक अनुष्ठान पर हम नागरिक नदी जल का उपयोग करते हैं, माँ स्वरूप मंे इनको पूजते हैं. एक गौरवशाली औद्योगिक नगर के जिम्मेदार नागरिक के नाते हम विचार करें कि हमारी अन्याय गतिविधियों के कारण माँ स्वरूपा ये नदियाँ मैला ढोने वाली मालगाड़ी बनती जा रही हैं. मानव जनित गतिविधियों के फलस्वरूप नदियों के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी में हो रहा प्रतिकूल परिवर्तन नहीं थमा तो जमशेदपुर नगर और हम नागरिकों के अस्तित्व पर खतरा बढ़ते जाएगा. हम सभी को मिलकर नदी, नगर और नागरिक पर मंडरा रहे गंभीर खतरा को नियंत्रित करने के उपायों और अपनी भूमिका पर विचार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वे वर्ष 2004 में दामोदर नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए काम किया। यदि हम नदी को गंदा ही न करें तो इसे साफ करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। नदी तो प्रत्येक माॅनसून में अपने आप को खुद ही साफ कर लेती है। श्री राय ने कहा कि नदी को सबसे ज्यादा गंदा करने वाले मुट्ठीभर मेधावी मस्तिष्क के लोग हैं। ये मुट्ठीभर लोग या तो किसी उद्योग में उच्च पद पर होते हैं या प्रशासन के उच्च पद पर होते हैं। वे अपने थाड़े से फायदे के लिए नदी को प्रदूषित कर देते हैं।
विधायक श्री राय ने इंदौर में नगर पालिका द्वारा नागरिक सुविधा उपलब्ध कराये जाने का विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज इंदौर शहर साफ-सफाई और नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में काफी आगे है। यह बात टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक ने भी अपने प्रेस कंफे्रंस में स्वीकारा है। श्री राय ने कहा कि इंदौर जैसी व्यवस्था करने के लिए अभी यहाँ काफी काम करने की आवश्यकता है। यहाँ तो बरसात आते ही नाली-नाला का पानी लोगों के घरों और बस्तियों में प्रवेश कर जाता है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बरसात में नदी का पानी भी ज्यादा प्रदूषित हो जाता है। शहर के लोगों को नदी से ही पेयजल की आपूर्ति होती है। श्री राय ने कहा कि ऐसी व्यवस्था बने कि शहर के लोगों को पीने का पानी सीधे चांडिल डैम से लेकर डिमना डैम के माध्यम से आपूर्ति हो। इससे शहर को लोगों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी और पानी को साफ करने में ज्यादा लागत नहीं आएगा। औद्योगिक या अन्य उद्देश्यों के लिए नदी से पानी लिया जाय।
श्री राय ने कहा कि यहाँ सरकार द्वारा अचानक औद्योगिक नगर बनाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गयी है जो पूरी तरह गैरकानूनी है। हाईकोर्ट में अपील करने पर यह अधिसूचना निरस्त हो जाएगी। अधिसूचना में मंत्री या जिला के प्रभारी मंत्री को औद्योगिक नगर का अध्यक्ष होने की बात कही गयी है। औद्योगिक नगर समिति में सांसद, विधायक और टाटा स्टील के प्रतिनिधि होंने की अधिसूचना है। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रावधान किया है कि कोई भी व्यक्ति लाभ का पद में रहते हुए नगरपालिका का अध्यक्ष नहीं रह सकता है। यदि कोई मंत्री इसका अध्यक्ष होगा तो उसकी विधायकी चली जाएगा। औद्योगिक नगर में कुल 16 वार्ड हैं। वार्ड से मनोनित या चयनित सदस्य होना चाहिए। तीसरा मत का अधिकार मिलना चाहिए। ताकि ये वार्ड सदस्य वार्ड क्षेत्र के अंतर्गत की समस्याओं की जानकारी का सामंजस्य करे और इसका समाधान हो सके। जमशेदपुर अक्षेस को ही वार्ड के क्षेत्रफल और जनसंख्या के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। श्री राय ने कहा कि वे वार्डों की जानकारी के लिए उपायुक्त को पत्र लिखा है।
श्री राय ने कहा कि सरकार कानून बनाती है और अगर वो खुद ही अपने कानून पालन नहीं करेगी तो आम जनता फिर कानून क्यों मानेगी। अगर संस्था ही गैर संवैधानिक हो तो फिर हम इंदौर के नजदीक कैसे पहुँच पाएंगे। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि यहाँ के नागरिकों को औद्योगिक नगरी की सुविधा भी मिले और चुने हुए प्रतिनिधि भी रहें। संगोष्ठी को केन्द्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति के अध्यक्ष श्री शिव पूजन सिंह, पर्यावरणविद् दिनेश कुमार तथा सुबोध श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। उन्होंने नदी को प्रदूषित नहीं करने तथा इसे साफ रखने के संबंध में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।