तो तुलसी कई बिमारियों का रामबाण इलाज है यह एक ऐसी घरेलू दवा है जो सेहत से जुड़ी है कई लक्षणों को आसानी से दूर कर देती है। लेकिन अगर तुलसी को दूध में डालकर इस्तेमाल किया जाए तो यह और भी अधिक प्रभावशाली साबित हो सकता है।
तुलसी के 3-4 दांतों को दूध में डाल कर खाली पेट पीने से इंसान हमेशा स्वस्थ्य रहता है और उसकी रोग क्षमता मजबूत होती है जिससे उसे कोई भी बीमारी आसानी से नहीं हो पाती है।
तुलसी को गर्म दूध के साथ लेने से हमारे तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है, हमारे शरीर में तनाव पैदा होने वाले हार्मोन नियंत्रित होते हैं जिससे अवसाद से मुक्ति में मदद मिलती है, यह तनाव से भी जुड़ा है।
तुलसी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों से फ्लू के मिश्रण को ख़त्म करने में मदद मिलती है। फ्लू में इसे पीना जल्दी ही आरामदायक है।
इससे यूरिक एसिड कम होता है और किडनी स्टोन धीरे-धीरे खत्म होने लगता है।
तुलसी दूध और दोनों ही एंटीऑक्सिडेंट्स और पोषक तत्वों की बहुतायत होती है, एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को पैदा होने से रोकते हैं और साथ ही हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जिससे किसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता में विकास होता है।
तुलसी के दूध और दोनों में ही विरोधी वैज्ञानिक तत्व मौजूद होते हैं, जो सूजे हुए गले, को स्वाद और मादक कफ से शुरू होने में बेहद मददगार साबित होते हैं। ऐसे में गले में इंफेक्शन, टॉन्सिल या सर्दी की स्थिति में जल्दी आराम मिलने के लिए गर्म दूध में तुलसी दाल कर पिया जा सकता है।
दूध और तुलसी के मिश्रण से सिरदर्द को दूर किया जा सकता है। यदि आपके सर दर्द की समस्या बनी हुई है तो जल्द ही इस सिरदर्द से मुक्ति मिल जाएगी।
