तुलसी के पत्तों को न चबाने के पीछे है ये 5 वजह, जानें

तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। यह पौधा ऐसा है जिससे पुण्य मिलता है तो घर में शांति भी बनी रहती है। तुलसी को हिन्दू धर्म देवी के रूप में माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यदि घर में तुलसी का पौधा रहता है तो घर का माहौल पवित्र और सकारात्मक बना रहता है। आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के नुस्खे का सेवन करने से कई प्रकार की समस्याओं से बचाव होता है, लेकिन तुलसी के नुस्खे का सेवन नहीं करना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि तुलसी के पत्तों को क्यों नहीं खाया जाता है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में……
तुलसी के पत्तों में पैरा-मेटालिक पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता है, कहीं-कहीं तुलसी के पत्तों से दांतों को नुकसान पहुंचता है।

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तुलसी का पौधा इस के लिए नहीं चाहिए, बल्कि चौबाना को पारंपरिक हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसे चौबकर खाने से प्राप्त होने वाली सकारात्मकता समाप्त हो जाती है।
तुलसी के उपचारों में जो सुंगध मौजूद है वह चौबने से समाप्त हो जाता है जिससे तुलसी को खाने का कोई मतलब नहीं होता है। इसी के लिए तुलसी के उपचारों को नहीं करना चाहिए।
तुलसी के उपचार का उपयोग भूख शांत करने के लिए भी माना जाता है, लेकिन इसे बिना चबाये ही निगलना सही माना जाता है, इसके पीछे ऐसी ही सलाह दी जाती है कि जब हनुमानजी को भूख लगी तो उन्होंने भी तुलसी का सेवन बिना चबाये ही किया था।
तुलसी के पत्तों के सेवन से काला नमक होता है इसलिए इसका सेवन करने से काली मिर्च वाली औषधि का सेवन नहीं किया जाता है।

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