महापौर की उदासीनता और ठेकेदारों की मनमानी की शिकार हुई राजधानी

रायपुर। राजधानी के 20 किलोमीटर के रिहायशी क्षेत्र में नल-जल योजना की पाइप लाइन बिछाने और सरकारी राशि को बेपैमाने खर्च करने की होड़ में राजधानी को निगम के कर्ताधर्ताओं ने गड्ढे में तब्दील कर दिया है। की राजधानी की सडक़ों की दुर्दशा पर भाजपा ने राज्य सरकार के साथ ही निगम प्रशासन पर हमला बोला है। रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि तीजा मनाने आई और आने वाली तिजहारिन बहनों बेटियों को इस समय गड्ढे में शहर खोजना पड़ेगा। रायपुर गड्ढापुर में तब्दील हो गया है। चौबे ने कहा, राजधानी के प्रमुख बाजारों में सडक़ों पर पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। ठेकेदारों ने चुनाव से पहले सारे बुगतान लेने की होड़ में पूरे शहर को खोदकर छोड़ दिया, जिसमें सैकड़ों लोग गिर रहे है। महापौर से शिकायत करने के बाद भी महापौर की उदासीनता के कारण ठेकेदार की मनमानी के शिकार हो रहे है राजधानी के वासी। न साइकिल ठीक से चतला पा रहे न बाइक, न कार यह शहर तो अब हवाई जहाज वालों के लिए हो गया है। महापौर गड्ढों के भराने के बजाय गली-गली बांसुरी लेकर डेंगू-लार्वा मच्छर भगाने की धुन सुना रहे है। जबकि 70 वार्डों में पैदल चलना नल जल योजना की खुदाई ने दूभर कर दिया है। राजधानी में 13 दिनों बाद जमकर बारिश हुई। करीब 5 बजे घने बादल छाए और थोड़ी ही देर में अंधेरा हो गया। उसके बाद मूसलाधार बारिश शुरू हुई। तकरीबन डेढ़ घंटे तक पानी गिरा। इस दौरान शहर की प्रमुख सडक़ों से लेकर कालोनियों और आउटर की रोड पर भी आधे से पौन फुट तक पानी भर गया। कुछ कॉलोनियों और बस्तियों के घरों में पानी घुस गया। पानी भीड़ के पीक समय में गिरना शुरू हुआ। उसी समय सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों का स्टाफ छूटा था। बाजारों में भी भीड़ थी। करीब 7 बजे के बाद जैसे जैसे पानी की रफ्तार कम हुई भीड़ सडक़ पर उतरनी शुरू हुई। इससे बाजारों के साथ-साथ आउटर की रोड पर जाम लग गया। रिंग रोड पर जहां जहां फ्लाईओवर और अंडरब्रिज हैं, वहां लंबा जाम लग गया। ट्रकों और भारी वाहनों के बीच छोटी गाडिय़ों के साथ-साथ बाइक वाले भी फंस गए थे।

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इधर शहर में जयस्तंभ चौक से कोतवाली, शारदा चौक, तात्यापारा, पंडरी बस स्टैंड के पास, लोधीपारा, अशोका रतन के पास और सदरबाजार में घंटों गाडिय़ां रेंगती रही। टाटीबंध, एक्सप्रेस वे के नीचे वाली सर्विस रोड, मोवा-सड्डू रोड समेत कई जगहों पर गाडिय़ों का जाम लगा रहा। करीब दो घंटे के जाम के बाद शहर में धीरे-धीरे ट्रैफिक सामान्य हुआ। राज्य के दो कैबिनेट मंत्री के सरकारी घरों के सामने भी पानी भर गया। निगम अफसरों को जैसे ही यह सूचना मिली सफाई टीम वहां भी पहुंच गई। पचपेड़ीनाका, उद्योग भवन, तेलीबांधा, लोधीपारा, पंडरी के कई इलाकों में ज्यादा पानी भरने की वजह से लोगों को परेशानी हुई। तेलीबांधा सडक़ पर एक एंबुलेंस भी कई देर तक फंसी रही।

शहर में भाजपा एकात्म परिसर के पास, जयस्तंभ चौक के पास, शहीद स्मारक भवन के पास, श्रीरामनगर, अनुपम नगर, संतोषीनगर, मोवा ओवरब्रिज समेत कई सडक़ों पर पानी भर गया। नेहरू नगर, हनुमान नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, बैरनबाजार, सुभाष नगर, केलकरपारा, गुढिय़ारी, सड्डू, सेजबहार कॉलोनी समेत कई जगहों पर पानी भरा। रायपुर में ठंड का मौसम आते ही लोग अब गार्डनों की ओर रूख कर रहे हैं। लेकिन रायपुर के गार्डनों में मरम्मत के नाम पर हर महीने लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी ये बदहाल हैं। कई गार्डन में झूले, फिसलपट्टी टूटे हुए हैं। तो वहीं कुछ गार्डनों में जंगली घास उग आए हैं। निगम के अफसर इन गार्डनों की देखरेख और संवारने के बजाय सडक़ों के किनारे लगे पौधों को संवारने में लगे हैं। वहीं गार्डन में पहुंचने वाले लोग बदहाल गार्डनों में ही घूमने को मजबूर हैं।

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