दुर्ग। दुर्ग श्री कृष्ण गौशाला एवं जीव रक्षा केंद्र मोहलाई के पदाधिकारी के आग्रह पर याशी जैन वहां पहुंची जहां गौशाला समिति के सदस्यों ने उनका वहां साल और श्रीफल से स्वागत किया और वहां किया जा रहे कार्यों की जानकारी दी कैसे गोबर खाद तैयार होता है, कैसे गोमूत्र से अर्क तैयार किया जाता है वहां किया जा रहे सभी कार्यों की बारी-बारी से सागर भी जानकारी दी. स्वागत अभिनंदन के पश्चात गौशाला की यादें यादें सदैव स्मृति पटल पर अंकित रहे स्मृति स्वरूप गाय बछड़े की प्रतिमा भेंट स्वरूप प्रदान की गई.
याशी ने कृष्ण गौशाला में गायों को सब्जी गुड एवं चारा खिलाकर वेदना और संवेदना के बीच अपना समय व्यतीत किया वहां पर बहुत से ऐसे हृदय स्पर्शी नजारे देखने को मिले जो दिल के अंदर एक जीवों के प्रति संवेदना को परिलक्षित करती है वहां बंदर और कुत्ते एक साथ मिलकर बिस्कुट खा रहे थे एक और जहां बंदर भगवान कृष्ण जी के मुकुट के उपर बैठ कर शांति से भगवान की प्रतिमा को निहार रहा था तो वहीं प्रतिमा के नीचे गाय के बछड़े लगातार गोल धुमना मन को लुभा रहा था और शांति का अनुभव करा रहा था
श्री कृष्ण गौशाला जीव रक्षा केंद्र मोहलाई में सड़क दुर्घटना पीड़ित गायों को आईसीयू में रखा गया है जहां राजस्थान से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है गायों की वेदना और तडफन देखकर वहां गायों को देख लोगों के मन द्रवित हो रहा था जिसेसे याशी जैन की बेहद भावुक हो गई. कृष्ण गौशाला जीव रक्षा केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पूर्व आयुक्त लवकुश सिंगरौल कांतिलाल पारख बंटी संचेती गिरीश पारख ज्ञानचंद पाटनी महावीर गंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे है.