यात्रियों में उस वक्त बेचैनी बढ़ गई जब एयर इंडिया के पायलट ने उड़ान भरने से मना कर दिया है। जबकि यात्रियों में 3 सांसद भी मौजूद थे।
गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट पर उस वक्त हड़कंप-सा मच गया जब एयर इंडिया के एक पायलट ने उड़ान भरने से मना कर दिया। बता दें कि प्लेन से कुल 100 यात्री सफर करने वाले थे, जिनमें से 3 सांसद भी शामिल थे। जानकारी दे दें कि ये फ्लाइट दिल्ली जाने वाली थी। गुजरात के राजकोट हवाई अड्डे पर तीन भाजपा सांसदों सहित लगभग 100 यात्री फंस गए। ये घटना रविवार रात (23 जुलाई) को हुई। यह घटना तब हुई जब यात्री एयर इंडिया की उड़ान में चढ़े, रात 8.30 बजे प्लेन को उड़ान भरनी थी। प्लेन में सवार यात्रियों में तीन सांसद राजकोट के सांसद मोहन कुंडरिया, जामनगर के सांसद पूनम मदाम और नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद केसरीदेवसिंह झाला शामिल थे। जानकारी के मुताबिक प्लेन के पायलट ने यह कहते हुए उड़ान भरने से इनकार कर दिया कि उसने डीजीसीए के मानदंडों के मुताबिक अपनी ड्यूटी पूरी कर ली है।
एयर इंडिया ने जारी किया बयान
इसके बाद एयरलाइन ने एक बयान जारी कर कहा कि 23 जुलाई की देर शाम राजकोट और दिल्ली के बीच उड़ान भरने वाली AI404 प्लेन को ऑपरेशनल कारणों से विलंबित किया गया। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने आगे कहा, “इसके बाद, कॉकपिट क्रू फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) नियमों के तहत आ गया, जिसके लिए वे नियामक मानदंडों के अनुसार उड़ान संचालित नहीं कर सके। एफडीटीएल रेगुलेशन नॉन-निगोशिएबल पहलू है और किसी भी परिस्थिति में इससे समझौता नहीं किया जा सकता है।”
प्रवक्ता ने आगे कहा, “कुछ यात्रियों को जिन्हें तत्काल दिल्ली पहुंचना था, उन्हें एयर इंडिया या कोडशेयर फ्लाइट लेने के लिए सड़क मार्ग से अहमदाबाद भेजा गया। शेष यात्रियों को सभी भोजन के साथ होटल में रहने की पेशकश की गई और उनकी बुकिंग को रद्द करने पर पूरा रिफंड सहित उनकी इच्छानुसार पुनर्निर्धारित किया गया।”
बीते दिनों भी हुई थी ऐसी घटना
इस महीने की शुरुआत में इसी तरह की एक घटना और देखने को मिली थी, 2 जुलाई को वैंकूवर से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान एआई 186 कुछ तकनीकी समस्या के कारण रद्द होने के बाद लगभग 20 से 25 छात्र फंसे गए थे। अपनी आपबीती का वर्णन करते हुए, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूबीसी) के छात्रों ने बताया था कि उड़ान शुरू में 2 जुलाई को सुबह लगभग 10.15 बजे वैंकूवर हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली थी, लेकिन इसे दो बार पुनर्निर्धारित किया गया और बाद में रद्द कर दिया गया।