टाटा स्टील फाउंडेशन ने आईटीआई के माध्यम से 100% प्लेसमेंट और वैश्विक अवसर देकर युवाओं की सफलता को दी नई उड़ान
जमशेदपुर, झारखंड, 12 मई 2025 – एक उल्लेखनीय उपलब्धि के तहत, झारखंड और ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्रों से 70 युवाओं को अप्रैल 2025 में विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट प्राप्त हुआ। यह सफलता टाटा स्टील फाउंडेशन की प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है, जो भारत सरकार के “स्किल इंडिया मिशन” के अनुरूप युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए सतत प्रयासरत है।
टाटा स्टील फाउंडेशन झारखंड और ओडिशा में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को सक्रिय रूप से सशक्त बना रहा है, जिससे एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो रहा है जो उद्योग-उन्मुख कौशल को प्रोत्साहित करता है। ये संस्थान तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों प्रकार के विविध पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, जिन्हें विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित समुदायों से आने वाले युवाओं की क्षमताओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
प्लेसमेंट का विवरण:
वित्त वर्ष 2024–25
कुल प्लेसमेंट: 213
वित्त वर्ष 2025–26 (अप्रैल 2025 में):
प्लेसमेंट: 70
अब तक सभी आईटीआई में प्लेसमेंट की कुल स्थिति:
* कुल प्लेसमेंट: 1431
* विदेशों में प्लेसमेंट: 38
फाउंडेशन द्वारा समर्थित पहला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, आईटीआई तामाड़, वर्ष 2012 में स्थापित किया गया था — जो भारत सरकार की स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत से तीन वर्ष पहले की बात है।
वर्तमान में, चार आईटीआई सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत संचालित हो रहे हैं — जिनमें से तीन झारखंड सरकार के साथ और एक ओडिशा सरकार के साथ साझेदारी में संचालित हो रहें हैं।
इस उपलब्धि पर बात करते हुए, कैप्टन अमिताभ, हेड – स्किल डेवलपमेंट, टाटा स्टील फाउंडेशन ने कहा: “हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि हमने आईटीआई प्रशिक्षण को प्रेरणा का स्रोत बना दिया है — खासकर उन छात्रों के लिए जो वंचित समुदायों से आते हैं। जो कभी छात्रों को जोड़ने की चुनौती थी, वह अब एक आंदोलन बन चुका है। आज स्थिति यह है कि दाखिले के लिए कतारें लगती हैं और हमें उम्मीदवारों का चयन स्क्रीनिंग के ज़रिए करना पड़ता है। हमारा लगातार 100% प्लेसमेंट रिकॉर्ड — जिसमें विदेशी प्लेसमेंट भी शामिल हैं — इस परिवर्तन की सफलता का सशक्त प्रमाण है।”
एक विशेष उपलब्धि के तहत, टाटा स्टील फाउंडेशन के प्रमुख शैक्षिक कार्यक्रम मस्ती की पाठशाला के 8 उत्कृष्ट छात्रों ने आईटीआई तामाड़ में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद टाटा मार्कोपोलो में प्लेसमेंट प्राप्त किया। इन छात्रों को 3.2 लाख प्रति वर्ष का प्रारंभिक पैकेज मिला, और इनमें से कई छात्र पहले पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं, जो अपने परिवारों में पहले सदस्य हैं जिन्होंने औपचारिक रोजगार की ओर कदम बढ़ाया।
मस्ती की पाठशाला का उद्देश्य स्कूल से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में वापस लाना है, इसके लिए लचीले, आवासीय और गैर-आवासीय ब्रिज कोर्स प्रदान किए जाते हैं। इस कार्यक्रम से जुड़े कई युवाओं ने, जिन्होंने जमशेदपुर और आसपास के प्रतिष्ठित स्कूलों से कक्षा 10 तक की शिक्षा प्राप्त की है, आईटीआई में इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान हासिल किया है, जो उनके करियर के मार्ग को और मजबूत बना रहा है।
कार्यक्रम की सफलता को और भी बेहतर तरीके से उजागर करते हुए, आईटीआई से चयनित कुछ छात्रों ने दुबई और हांगकांग जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थानों में प्लेसमेंट प्राप्त किया है, जहाँ उन्हें प्रति माह न्यूनतम 1.5 लाख रुपये वेतन मिल रहा है। यह एक अभूतपूर्व सफलता है, जो इस बात का प्रमाण है कि प्रदान किया जा रहा कौशल प्रशिक्षण न केवल उच्च गुणवत्ता का है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है।
फाउंडेशन द्वारा समर्थित आईटीआई विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास के पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, जैसे मैन्युफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल वर्क, मैकेनिकल रिपेयर और बिजनेस डेवलेपमेंट। झारखंड और ओडिशा के दूरदराज इलाकों से आने वाले युवा अपने बेहतर भविष्य और आत्मनिर्भरता की उम्मीद के साथ इन केंद्रों की ओर प्रेरित होते हैं।
टाटा स्टील फाउंडेशन शिक्षा और आजीविका पहल के माध्यम से सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने और समावेशी विकास को सशक्त करने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है, जिससे यह देश के कौशल विकास इकोसिस्टम का एक अहम भागीदार बनता है।