वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया की टीम जलपक्षी गणना 2025 के समन्वय के लिए जमशेदपुर पहुंची
एशियन वॉटरबर्ड सेंसेस (AWC), जलपक्षियों की आबादी और उनके आवास की निगरानी के लिए 1987 में शुरू किया गया एक प्रतिष्ठित नागरिक विज्ञान कार्यक्रम, इस वर्ष 4 जनवरी से 19 जनवरी तक अपनी 2025 की गणना आयोजित करेगा। जमशेदपुर टाटा मोटर्स प्लांट के 100 किलोमीटर के दायरे में स्थित महत्वपूर्ण वेटलैंड्स का विस्तृत सर्वेक्षण इस बार के सर्वे का मुख्य आकर्षण होगा। यह पहल टाटा मोटर्स लिमिटेड, वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया और सृष्टि कंजर्वेशन फाउंडेशन के सहयोग से चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य सेंट्रल एशियन फ्लाईवे पर स्थित वेटलैंड्स का संरक्षण सुनिश्चित करना है। साथ ही, इन वेटलैंड्स के सतत उपयोग के लिए सामूहिक प्रयासों को सशक्त बनाना और क्षमताओं को बढ़ाना भी इस कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य है।
गुरुवार, 9 जनवरी 2025 को टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया के अधिकारियों और स्थानीय पक्षी विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य झारखंड में जलपक्षी गणना 2025 की सफल योजना और क्रियान्वयन की रणनीति तैयार करना था।बैठक में विशेष रूप से जमशेदपुर टाटा मोटर्स प्लांट के आसपास के वेटलैंड्स पर फोकस करते हुए उनकी संरचना, पक्षियों की संख्या और उनकी परिस्थितियों पर चर्चा की गई।
चर्चा की शुरुआत वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया के तकनीकी अधिकारी श्री अर्घ्य चक्रवर्ती ने की। उन्होंने प्रवासी जलपक्षियों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले वेटलैंड्स का विस्तृत मानचित्र प्रस्तुत किया, जिन्हें सर्वेक्षण के लिए प्राथमिकता के आधार पर चुना गया है।
बैठक में विभिन्न पृष्ठभूमि और आयु वर्ग के 15 पक्षी प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिनमें पेशेवर और शौकिया पक्षी प्रेमी दोनों शामिल थे। उल्लेखनीय प्रतिभागियों में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विजया भरत, सेवानिवृत्त पेशेवर डॉ. मिथिलेश दत्ता द्विवेदी, प्रसेनजीत सरकार, सर्प विशेषज्ञ और संरक्षणविद् रमेश कुमार महतो, और दंत चिकित्सक डॉ. शम्स परवेज़ खान शामिल थे।
बैठक में प्रख्यात पक्षी विशेषज्ञ श्री पन्नालाल महतो की उपस्थिति ने इसे और भी समृद्ध बना दिया। उन्होंने अपने बहुमूल्य अनुभव साझा कर टीम को प्रेरित किया। जलपक्षी गणना की औपचारिक शुरुआत और टीम को क्षेत्रीय समर्थन प्रदान करने के लिए, डॉ. असगर नवाब शुक्रवार, 10 जनवरी को पास के एक वेटलैंड पर फील्ड सत्र का नेतृत्व करेंगे। इस सत्र में सभी प्रतिभागियों को एशियन वॉटरबर्ड सेंसेस (AWC) प्रोटोकॉल के अनुसार डेटा संग्रह, संकलन, और रिपोर्टिंग प्रारूपों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह समन्वित प्रयास वेटलैंड संरक्षण में नागरिक विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। इसका उद्देश्य इन पारिस्थितिक तंत्रों का सतत और समझदारीपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है, साथ ही क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा में समुदाय की भागीदारी को मजबूत करना है। डॉ. नईम अख्तर, डेप्युटी डायरेक्टर, ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने बैठक की सफलता और जलपक्षी गणना 2025 के शानदार आयोजन की शुभकामनाएं दीं।