सिंहभूम चैम्बर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री में टाटा स्टील प्रोक्योरमेंट विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन चैम्बर भवन में किया गया। जिसमें टाटा स्टील के चीफ प्रोक्योरमेंट आॅफिसर रंजन कुमार सिन्हा, चीफ प्रोेक्योरमेंट डिलीवरी मैनेजमेंट टीएसजे टीएसके राणा दास, एचएचसी, चीफ प्रोक्योरमेंट एमआरओ एंड सर्विसेज रजत मधुर, चीफ प्रोक्योरमेंट सप्लायर मैनेजमेंट एंड प्रोसेस इंप्रूवमेंट मालविका चटर्जी, के अलावा उनकी टीम के अन्य प्रोक्योरमेंट आॅफिसर विरेन सिन्हा, रविन्द्र कुमार, अशोक कुमार, रमेश बाबू तथा अनिल कुमार ठाकुर उपस्थित थे। बैठक में स्थानीय वेडरों को टाटा स्टील में प्राथमिकता, वेंडरों की हो रही समस्याओं को प्रमुख के साथ उठाया गया। यह जानकारी मानद महासचिव मानव केडिया ने दी।
बैठक में विषय प्रवेश करते हुये उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया ने कार्यक्रम की शुरूआत की। तथा मंच संचालन सचिव अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने की।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुये अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि चैम्बर वोकल फाॅर लोकल के उददेश्य के साथ आगे बढ़ते हुये स्थानीय व्यवसायी एवं व्यवसायी एवं उद्यमी के विकास के लिये लगातार प्रयासरत है। इसी के तहत टाटा स्टील प्रोक्योरमेंट विभाग के साथ पिछले सत्र 2021-23 से लगातार बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। और टाटा स्टील भी चैम्बर के इस प्रयास पर ध्यान देते हुये वेंडरों की समस्याओं को चैम्बर के साथ बैठक कर साझा कर रही है। अध्यक्ष बैठक के दौरान कहा कि टाटा स्टील को स्थानीय वेंडरों को ज्यादा से ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। स्थानीय व्यवसायी एवं उद्यमी विकट परिस्थिति में में भी टाटा स्टील के साथ खड़ी रही है इसलिये टाटा स्टील को भी इनकी आवश्यकताओं और समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। टाटा स्टील को स्थानीय वेंडरों को ज्यादा से ज्यादा इन्क्वायरी दी जानी चाहिए। स्थानीय वेंडर अपने पूरी क्षमता के साथ टाटा स्टील को उनकी आवश्यकता के अनुरूप गुणवत्ता पूर्ण माल उपलब्ध कराने में सक्षम है।
इस अवसर पर चीफ प्रोक्योरमेंट आॅफिसर रंजन सिन्हा ने सदस्यों को संबोधित करते हुये कहा कि आगामी 1 अप्रेल से प्रोक्योरमेंट विभाग वर्क फ्राॅम होम वाली पद्धति को समाप्त कर आॅफिसर अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करेंगे जिससे वेंडरों को उनके साथ मुलाकात करने में सुविधा हो। टाटा स्टील के द्वारा स्थानीय वेंडरों को प्राथमिकता दिया जा रहा है। इसलिये चैम्बर के साथ इस तरह की बैठकों का लगातार आयोजन किया जा रहा है और इसी कड़ी मेें आज यहां चैम्बर के साथ बैठक का आयोजन किया है। इन बैठकों के आयोजन मे चैम्बर का प्रयास भी सराहनीय है। टाटा स्टील चैम्बर के माध्यम से वेंडरों की समस्याओं को चिन्हित कर इसे दूर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील का एस.आर.एम. लागत 20 प्रतिशत अधिक है जिसे कम करना कंपनी की अनिवार्यता है नही ंतो इतना बड़ा आॅपरेशन चलाना मुश्किल होगा। इस दिशा में भी कंपनी कार्य कर ही है। उन्होंने कहा एथिक्स टाटा स्टील के लिये महत्वपूर्ण है और वो जीरों टाॅलरेंस पाॅलिसी पर कार्य कर रही है। सस्टेनिबिलिटी एक बड़ा मुद्दा है और ऐसे वेंडरों को ज्यादा से ज्यादा मौका कंपनी में कार्य करने के लिये दिया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रोक्योरमेंट आॅफिसर मालविका चटर्जी ने कहा कि समस्याओं यह जानकारी सस्टेनेबल तरीके से काम करने वाले वेंडरों को आगे कार्य करने का मौका मिलेगा। उन्होने कहा कि उड़ीसा में लैंड बैंक की जानकारी दी जिसमें टाटा स्टील के वेंडरों को कार्य करने का मौका मिलेगा। वहां उड़ीसा सरकार ने इसके लिये 100 एकड़ की जमीन चिन्हित किया है। जो वेंडर यहां कार्य करने के लिये इच्छुक हैं उनसे अच्छा बिजनेस प्रपोजल मांगा गया।
इस अवसर चीफ प्रोक्योरमेंट आॅफिसर रजत मधुर ने भी सदस्यों को संबोधित करते हुये वेंडरों की समस्याओं को सुनकर इसपर ध्यान देने का आश्वासन दिया।
बैठक में चैम्बर सदस्यों ने निम्नलिखित मुद्दे उठाये –
1) टाटा स्टील के द्वारा ऐसे वेंडरों का आॅनलाईन या आॅफलाईन एक फोरम बनाना चाहिए जिसमें कुछ स्थानीय व्यवसायी एवं उद्यमियों के अच्छे कार्यों को अन्य वेंडरों के साथ साझा किया जा सके जिससे अन्य वेंडर भी अपने कार्य में सुधार ला सके।
2) टाटा स्टील के कलिंगनगर/मीरामंडली संयंत्रयों मंे वेंडरों के पंजीकरण की जानकारी के लिये चैम्बर में एक कार्यशाला का आयोजन किया जाय।
3) वेंडरों को प्रबंधकों के साथ बैठक करने का मौका मिले ताकि वे अपनी समस्याओं /मुद्दों को सुलझा सके।
4) आॅर्डर नहीं मिलने की जानकारी वेंडरों को दी जानी चाहिए।
5) डीलरों/वितरकों को दैनिक उपयोग की विविध वस्तुओं की आवश्यकताओं की उचित जानकारी मिलनी चाहिए।
6) स्थानीय व्यवसायी उद्यमियों को कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने में टाटा स्टील मदद करे।
7) स्थानीय विके्रताओं से 3 पीएल शुल्क से संबंधित मुद्दे जिससे वेंडरों को कभी-कभी आॅर्डर मिले में हो रही परेशानी
8) इस क्षेत्र के विकास के लिये कोल्हान और इसके आसपास स्थित स्थानीय विके्रताओं को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
9) जेम पोर्टल में निविदा खोले जाने के बाद सभी के साथ पारदर्शी तरीके से साझा की जाती है टाटा स्टील को भी इसे अपनाने की आवश्यकता है।
10) यह देखा जा रहा है कि नयें वेंडरों को लंबे समय से इन्क्वायरी नहीं मिल रही है। इसपर ध्यान दिया जाना चाहिए।
बैठक के अंत में धन्यवाद ज्ञापन मानद महासचिव मानव केडिया ने किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, सचिव भरत मकानी, अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया, कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया, पूर्व अध्यक्ष उमेश कावंटिया, कमल मकाती, मनीष आगीवाल, चन्द्रकांत जटाकिया, रोहित बुधिया, महेश अग्रवाल, पीयूष गोयल, संजय मिश्रा, सीए गोविन्द अग्रवाल, सांवरमल शर्मा, जसपाल सिंह, अनूप अग्रवाल, चेतन अग्रवाल के अलावा काफी संख्या में सदस्यगण उपस्थित थे।