आनंद मार्ग ने लगातार 35 दिनों में बांटे 3,000 फलदार पौधे वितरण कार्यक्रम का समापन हुआ बिहार के जमालपुर में

आनंद मार्ग ने लगातार 35 दिनों में बांटे 3,000 फलदार पौधे वितरण कार्यक्रम का समापन हुआ बिहार के जमालपुर में

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दुर्लभ प्रजाति के सीता अशोक के पौधे अमझर आनन्द सम्भूति मास्टर यूनिट में रोपण किए जा रहे हैंअशोक महिलाओं के संबंधित बीमारियों में काफी लाभप्रद है

अशोक का मतलब होता है जहां शोक ना हो

जमशेदपुर : 5 मार्च 2024

31 जनवरी से 5 मार्च तक आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से “एक पेड़ कई जिंदगी” अभियान के तहत निशुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम चलाया गया। 35 दिनों में में लगभग 3,000 पौधों का वितरण किया गया। पटमदा, पोटका, गदरा के ग्रामीणों के बीच घूम घूम कर पौधा का वितरण किया गया एवं आध्यात्मिक उत्थान के विषय में भी चर्चा की गई। आम, कटहल , त्रिफला,सीता अशोक सिंदूर के पौधे का वितरण किया गया।
दुर्लभ प्रजाति के लाल एवं पीले फूल वाला औषधि अशोक (सीता अशोक ) के पौधे आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की ओर से आयोजित विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन के उपलक्ष पर आनंद मार्ग जमशेदपुर के द्वारा दिया गया ।
अमझर कोलकाली, आनन्द सम्भूति मास्टर यूनिट में आनंद मार्ग जमशेदपुर के द्वारा दिया हुआ औषधीय पौधे पहले भी लगाए जा चुके हैं ।आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से “एक पेड़ कई जिंदगी” अभियान के तहत निशुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम चलाया जा रहा था । यह कार्यक्रम 31 जनवरी से 5 फरवरी तक चला जमशेदपुर से चलाए गए इस अभियान का समापन बाबा नगर जमालपुर अमझर,आनंद संभूति मास्टर यूनिट में हुआ। 50 औषधीय पौधे जैसे सीता अशोक, सिंदूर , त्रिफला का पौधा (हरे , आंवला,बहेरा) का पौधा केंद्रीय जनसंपर्क सचिव,आचार्य कल्याणमित्रानंद अवधूत को दीया गया ।

सुनील आनंद ने पर्यावरण के महत्व के विषय में बताते हुए कहा कि 1980 के बाद से धरती की सतह का औसत तापमान तकरीबन 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।नासा का कहना है कि यह गर्मी कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन ग्रीन हाउस गैसों और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के कारण उत्पन्न हुई है। जंगलों की अंधाधुंध कटाई ने इस समस्या को गंभीर कर दिया है। जो कार्बन डाइऑक्साइड पेड़-पौधे शोख लेते थे वह अब वातावरण में घुल रही है दूसरी ओर ब्रिटिश मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगले 5 साल पिछले 10 वर्षों के मुकाबले अधिक सर्वाधिक गर्म रहने वाले हैं। तापमान बढ़ने का सीधा असर खेती किसानी पर पड़ेगा और पैदावार कम हो जाएगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि 1 डिग्री तापमान बढ़ने से पैदावार में 3 से 7 फ़ीसदी की कमी आ जाती है। भारत में पर्यावरण को लेकर एक बड़ा खतरा पॉलिथीन और प्लास्टिक से भी है। आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल जमशेदपुर की ओर से इस समस्या से उबरने के लिए एक छोटा सा प्रयास संस्था की ओर से की जा रही है।प्रत्येक महीने कम से इसी तरह प्रत्येक महीने में संस्था की ओर से रक्तदान शिविर एवं मोतियाबिंद जांच शिविर में भाग लेने वाले सभी लोगों को पौधा दिया जाता है। पौधा देने का तरीका यह है कि जो भी अपनी योग्यता के अनुसार है पौधा लेते हैं फलदार पौधे ,शो वाले पौधे, फूल वाले पौधे एवं औषधीय पौधे दिए जाते हैं। जनप्रतिनिधियों को भी पौधा भेंट किया जाता है।

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