रांची: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर दो शंकाराचार्यों की ओर से सवाल उठाए जाने के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी शंकराचार्य जैसा बताया है। गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि पीएम मोदी भी शंकराचार्य जैसा जीवन जीते हैं और प्राण प्रतिष्ठा से पहले कठिन तप कर रहे हैं। सांसद ने त्रेता युग के कुछ प्रसंगों का जिक्र करते हुए यह बात कही।
निशिकांत दुबे ने कहा, ‘तब कर्म ही प्रधान था, तो इसमें शंकराचार्य की पद्धति हो, शंकराचार्य जी किस आधार पर बहुत सम्मानित हैं, शंकराचार्य परंपरा का हम बहुत सम्मान करते हैं। लेकिन किस आधार पर शंकराचार्य जी माननीय प्रधानमंत्री…, जैसे शंकराचार्य जी अकेले रहते हैं, समाज के लिए जीते हैं, प्रधानमंत्री भी उसी तरह से हैं। जिस तरह के अनुष्ठान के लिए 11 दिन का उपवास करना चाहिए, उपवास कर रहे हैं। 17-18 के बाद वह पलंग पर नहीं सोएंगे। उन्होंने नीचे सोने का फैसला किया है। जो एक तपस्वी का जीवन होता है वही होता है।’
गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। लेकिन इसमें चार में से एक भी शंकराचार्य शामिल नहीं होने जा रहे हैं। ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंदिर निर्माण का अधूरा बताते हुए अभी प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए हैं। वहीं, कर्नाटक स्थित श्री श्रृंगेरी शारदा पीठ, गुजरात स्थित द्वारका शारदा पीठ, उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्पीठ और ओडिशा स्थित गोवर्धन पीठ के शंकराचार्यों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा पर आपत्ति नहीं की है।