मोदी सरकार आधार कार्ड (Aadhaar) के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके तहत नए आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वालों का वेरिफिकेशन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। यह पासपोर्ट वेरिफिकेशन की तर्ज पर होगा। एसडीएम स्तर के अधिकारी की स्वीकृति के बाद ही नया आधार कार्ड जारी किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में इसकी शुरुआत भी हो गई है। पहले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ही वेरिफिकेशन करता था।
18 साल पूरे करने वालों के लिए नई व्यवस्था: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के नए निर्देशों के अनुसार, 18 साल की उम्र पूरी करने वाले युवाओं के लिए ही यह प्रक्रिया लागू होगी। एक बार आधार कार्ड बन जाने के बाद वे भी सामान्य प्रक्रिया के तहत सभी तरह के अपडेट्स करा सकेंगे। वहीं, जिन लोगों के आधार कार्ड पहले से बने हुए हैं, उन्हें इस नई व्यवस्था से नहीं गुजरना पड़ेगा।
राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य: निर्देशों के मुताबिक, आवेदन के फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए सरकार जिला स्तर पर अपर जिलाधिकारी को और सब-डिवीजन स्तर पर एसडीएम को नामित करेगी। इन नामित अधिकारियों द्वारा वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही कार्ड जारी किए जाएंगे। भौतिक सत्यापन के लिए जिला प्रधान डाकघरों और अन्य आधार केंद्रों को विशेष रूप से चुना जाएगा।
आधार बनने में लग सकते हैं 180 दिन: नई व्यवस्था में नया आधार जारी होने में 180 दिनों तक का समय लग सकता है। इसके तहत आधार नामांकन (आवेदन) के बाद यूआईडीएआई डाटा गुणवत्ता की जांच करेगा और फिर आवेदन को सर्विस प्लस पोर्टल पर भेज देगा। एसडीएम, पोर्टल पर आए आवेदनों का वेरिफिकेशन कराएंगे। आवेदक द्वारा लगाए गए सभी दस्तावेजों का भौतिक वेरिफिकेशन होगा। इसके बाद एसडीएम स्तर से आधार जारी करने की अनुमति मिलेगी। अगर दस्तावेज संदिग्ध या गलत पाए जाएंगे तो आवेदन निरस्त हो जाएगा।मौके पर मौजूद रहना अनिवार्य: निर्देशों के अनुसार, भौतिक वेरिफिकेशन के दौरान आवेदन का मौके पर मौजूद रहना अनिवार्य होगा। इसके लिए दूसरे राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले आवेदकों को वेरिफिकेशन के लिए गृह राज्य लौटने की सलाह दी जाएगी।