इंफाल: राज्य के कामजोंग जिले में भारत और म्यांमार के बीच खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से 375 और म्यांमार नागरिकों ने मणिपुर में प्रवेश किया है। म्यांमार के ये नागरिक पड़ोसी देश में सेना और लोकतंत्र समर्थक विद्रोही बलों के बीच लड़ाई से भागकर मणिपुर में प्रवेश कर गए हैं। कुल मणिपुर में शरण लेने वाले म्यांमार के शरणार्थियों की संख्या बढ़कर लगभग 1400 हो गई है।
पिछले कुछ दिनों में जातीय विद्रोहियों को बाहर निकालने के लिए म्यांमार सेना द्वारा अपनी कार्रवाई के तहत सीमा पार कई गांवों पर बमबारी के बाद शरणार्थियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। मणिपुर म्यांमार के साथ 398 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। जिसमें से कामजोंग जिला कासोम ब्लॉक के अंतर्गत नामली क्षेत्र में सीमा स्तंभ संख्या 90 से साहमफुंग ब्लॉक के अंतर्गत काचौफुंग गांव बीपी नंबर 112 तक 104-लंबा खंड साझा करता है।
दिलचस्प बात यह है कि सीमा पर बाड़ लगाने का काम मुख्य रूप से मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में प्रगति पर है। अधिकारियों ने कहा कि इस जिले में लगभग 16 किमी की सीमा अब तक पूरी हो चुकी है। ये शरणार्थी फाइकोह, खेरोनराम के राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। (हुइमिन थाना), नामली, वांगली और मणिपुर के कामजोंग जिले में अशांग खुल्लन।