आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से 6 घंटे (2 प्रहर ) का “बाबा नाम केवलम ” का अखंड कीर्तन का आयोजन सोनारी नौलखा अपार्टमेंट में किया गया

कीर्तन द्वारा हम संकल्पनाशक्ति, विचारशक्ति और कार्यशक्ति को जागृत करते हैं, जो हमें सफलता, आनंद और समृद्धि की ओर अग्रसर करते हैं

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 *कीर्तन एक उच्चतम और श्रेष्ठतम भावनात्मक अभ्यास है जो हमें अशांति, तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है।* 

 कीर्तन हमें ईश्वर के साथ गहरे संबंध बनाने और अपने आन्तरिक शक्ति को प्रकट करने में सहायता करता है

 

जमशेदपुर 4 नवंबर 2023 आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से 6 घंटे (2 प्रहर ) का “बाबा नाम केवलम ” का अखंड कीर्तन का आयोजन सोनारी नौलखा अपार्टमेंट में किया गया सत्य

रांची से जमशेदपुर कार्यक्रम में भाग लेने आए आचार्य सत्याश्रयानन्द अवधूत ने कहा कि 

 ईश्वर की प्राप्ति के सुगम साधन कीर्तन है।  

 

कीर्तन, भक्ति और ध्यान का अद्वितीय माध्यम है, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति ईश्वर के साथ गहरा संवाद स्थापित कर सकता है। आचार्य सत्याश्रयानन्द अवधूत ने बताया कि कीर्तन की शक्ति व्यक्ति को अविरल ध्यान, स्थिरता और आनंद की अनुभूति देती है। यह एक अद्वितीय विधि है जो हमें मन, शरीर और आत्मा के संगम के अनुभव को आदर्श दर्शाती है।

 

कीर्तन से हम अपने मन को संयमित कर सकते हैं और इंद्रियों के विषयों के प्रति वैराग्य की प्राप्ति कर सकते हैं। यह हमें अविरल स्थिति में रहने की क्षमता प्रदान करता है और हमारे जीवन को धार्मिक और आध्यात्मिक महत्वपूर्णता के साथ भर देता है।

 

इस प्रवचन में आचार्य सत्याश्रयानन्द अवधूत ने उपस्थित आदर्शवादियों को यह संदेश दिया कि कीर्तन एक उच्चतम और श्रेष्ठतम भावनात्मक अभ्यास है, जो हमें अशांति, तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है। यह हमें ईश्वर के साथ गहरे संबंध बनाने और अपने आन्तरिक शक्ति को प्रकट करने में सहायता करता है।

 

कीर्तन एक साधना है जो हमें समाज के बंधनों से मुक्त करती है और हमारी आत्मिक एवं मानसिक स्वतंत्रता का अनुभव कराती है। यह हमें प्रेम, सहानुभूति और एकाग्रता की अनुभूति कराता है, जो हमारे जीवन को सुखी और समृद्ध बनाता है।

 

 कीर्तन हमें सच्चे सुख और आनंद की प्राप्ति का मार्ग प्रदान करता है। यह हमारे मन को परम शांति की अवस्था में ले जाता है, जहां हम ईश्वरीय प्रेम और आनंद का अनुभव करते हैं। इसके माध्यम से हम अपने अंतरंग जगत को शुद्ध करते हैं और आनंदमय जीवन का आनंद उठा सकते हैं।

 

कीर्तन एक विशेष तरीका है जिसके माध्यम से हम समस्त जगत के साथ सामरस्य और सामंजस्य का अनुभव कर सकते हैं। यह हमें एक साथी बनाता है जो हमें ईश्वर के साथ अनन्य रूप से जोड़ता है और हमें सबके प्रति प्रेम और सेवा की भावना से प्रेरित करता है। इस प्रकार, कीर्तन हमें अद्वैत संबंध की अनुभूति दिलाता है, जहां हम सभी में ईश्वर का दिव्य आत्मा का पहचान करते हैं।

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