मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन उग्र हो गया है. गुस्साए प्रदर्शनकारी अब विधायकों के आवास, दफ्तर और दुकानों को आग में झोंक रहे हैं. मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों ने बुधवार सुबह दक्षिण मुंबई में खड़ी महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री हसन मुश्रीफ की एसयूवी को अपना निशाना बनाया. एक अधिकारी ने बताया कि इस सिलसिले में मरीन ड्राइव पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. मुश्रीफ उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट से हैं.
सुबह लगभग 7.30 बजे दो मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं ने दक्षिण मुंबई में आकाशवाणी विधायक छात्रावास के पास खड़ी मंत्री की एसयूवी पर हमला कर दिया. वाहन की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए. आंदोलनकारी ”एक मराठा, लाख मराठा” का नारा लगा रहे थे. पुलिस मौके पर पहुंची और तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया. अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि ये लोग छत्रपति संभाजीनगर जिले के थे.
इससे पहले 26 अक्टूबर को मराठा आरक्षण के मुखर विरोधी वकील गुणरत्न सदावर्ते की दो कारों को मुंबई के परेल इलाके में तोड़ दिया गया था. पुलिस ने पहले कहा था कि बाद में वाहनों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसक घटनाओं के बाद, मुंबई पुलिस ने कैबिनेट मंत्रियों, अन्य राजनीतिक नेताओं, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और महानगर में महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी है.
बीड बना आंदोलन का केंद्र
इस आंदोलन का केंद्र मुंबई से करीब 450 दूर शहर बीड बन गया है. यहां प्रदर्शनकारियों की तोड़फोड़ के बाद प्रशासन ने धारा-144 लागू कर दी और इंटरनेट बंद कर दिया. मराठा आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारी नाराज हैं क्योंकि राजनीतिक दल इसको लेकर अपना रुख साफ नहीं कर रहे हैं.
मनोज जरांगे की धमकी
आरक्षण के लिए आंदोलनरत सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि मराठा समुदाय ‘‘अधूरा आरक्षण’’ स्वीकार नहीं करेगा और महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए. उन्होंने धमकी दी कि अगर मराठा समुदाय को ‘‘पूर्ण’’ आरक्षण नहीं दिया गया तो वे बुधवार शाम से पानी पीना बंद कर देंगे.