आगरा: लंबे समय तक बैठने वाले, कसरत न करने वाले, फास्ट फूड का सेवन करने वालों को सबसे ज्यादा स्ट्रोक (लकवा) का खतरा है. विश्व स्ट्रोक दिवस पर यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आगरा चैप्टर के अध्यक्ष डा. मुकेश गोयल ने दी है. वे यमुनापार के अस्पताल में एक शिविर को संबोधित कर रहे थे.
स्वास्थ्य विभाग और आईएमए के संयुक्त शिविर में सचिव डा. पंकज नगायच ने मौजूद लोगों को बताया कि शराब, सिगरेट, हाई ब्लड प्रैशर इस बीमारी के मूल कारणों में हैं.
डिप्टी सीएमओ डा. पीयूष जैन ने बताया कि स्ट्रोक के दौरान चार घंटे के भीतर खून के थक्के खोलने वाला इंजेक्शन लगा दिया जाए तो मरीज बिना किसी बुरे परिणाम के ठीक हो सकते हैं. नई तकनीकी से चार घंटे बाद भी काबू पाया जा सकता है.
डा. विकास मित्तल ने कहा कि इस बीमारी में झोलाछाप के पास जाना खतरे से खाली नहीं है. वह गलत इलाज कर समस्या को और बिगाड़ देगें. जान खतरे में पड़ सकती है. इसलिए विशेषज्ञ डाक्टरों के पास जाकर ही इलाज कराना चाहिए. डा. रचना ने महिलाओं में इस बीमारी की गंभीरता के बारे में समझाया. डा. पीयूष तोमर, डा. सौरभ माहेश्वरी के साथ अन्य डाक्टर भी मौजूद रहे.
डेंगू के तीन और नए मरीज मिलेसर्दी की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन डेंगू का मच्छर अभी तक डंक मार रहा है. भी डेंगू के तीन नए मरीज मिले हैं. इनमें हमीद नगर शाहगंज का एक महीने का बालक भी शामिल है. अन्य में ककरैठा की रहने वाली दो साल की बच्ची और खेरागढ़ का नौ साल का बालक है. किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है. घर पर ही इलाज किया जा रहा है. जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि इन्हें मिलाकर जिले में अब तक कुल 7 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है.
इधर बता दें कि शहर की कई बस्तियों और मोहल्लों में नालियों में पानी सड़ने के कारण मच्छर पनप रहे हैं. संक्रामक रोग फैलने की आशंका जतायी है. लोगों ने क्षेत्र में फोगिंग और एंटी लार्वा
छिड़काव की मांग की है.