दिवाली का त्योहार आने में सिर्फ 12 दिन बचे हैं. यह न केवल खुशियों और रोशनी का त्योहार है, बल्कि उपहारों और बोनस का भी त्योहार है। यही कारण है कि इस मौके पर सभी एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इस मौके पर कंपनियां अपने कर्मचारियों को तोहफे भी देती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उपहार के रूप में प्राप्त सामान या धन पर भारत में कर लगता है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे कि इनकम टैक्स के मुताबिक कौन से गिफ्ट पर टैक्स लगता है और कितने गिफ्ट पर कितना टैक्स देना होता है।
उपहारों पर आयकर नियम क्या हैं?दिवाली का त्योहार आने में सिर्फ 12 दिन बचे हैं. यह न केवल खुशियों और रोशनी का त्योहार है, बल्कि उपहारों और बोनस का भी त्योहार है। यही कारण है कि इस मौके पर सभी एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इस मौके पर कंपनियां अपने कर्मचारियों को तोहफे भी देती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उपहार के रूप में प्राप्त सामान या धन पर भारत में कर लगता है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे कि इनकम टैक्स के मुताबिक कौन से गिफ्ट पर टैक्स लगता है और कितने गिफ्ट पर कितना टैक्स देना होता है।
उपहारों पर आयकर नियम क्या हैं?आयकर नियमों के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक के उपहार कर से मुक्त हैं। यदि उपहार की राशि 50 हजार रुपये से अधिक है तो यह कर योग्य हो जाता है। यानी अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपये से ज्यादा का गिफ्ट मिला है तो आपको पूरी रकम पर इनकम टैक्स देना होगा.इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आपको एक ही वित्त वर्ष के दौरान 25,000 रुपये और 28,000 रुपये के उपहार मिले हैं तो कुल रकम 53,000 रुपये हो जाती है. ऐसी स्थिति में यह कर योग्य होगा, जो आपकी आय में जोड़ा जाएगा और टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा।
कब नहीं लगेगा टैक्स?यदि 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के उपहार मिलते हैं तो इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ माना जाता है। यदि यह राशि 25,000 रुपये और 18,000 रुपये होती, तो पूरे वर्ष में प्राप्त उपहारों का कुल मूल्य 43,000 रुपये होता। ऐसे में आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा.
उनसे मिले उपहारों पर कोई टैक्स नहीं लगता
उपहारों पर कर देनदारी इस बात पर भी निर्भर करती है कि उपहार कौन दे रहा है। अगर आपको रिश्तेदारों से कोई गिफ्ट मिला है तो रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता, भले ही गिफ्ट की रकम 50 हजार रुपये से ज्यादा हो. रिश्तेदारों में पति या पत्नी, भाई या बहन, माता-पिता, पति या पत्नी के माता-पिता और अन्य शामिल हैं।