इस चाय को पीने से कम होता है डायबिटीज का खतरा, कंट्रोल में रहता हैं ब्लड शुगर

डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है। डायबिटीज एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है जिसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है। इसमें ब्लड शुगर बढ़ने लगता है जिसका कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखकर ही स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर और एक्सपर्ट शुगर के मरीजों को खाने-पीना का खास ध्यान रखने की सलाह देते हैं। आमतौर पर डायबिटीज़ 3 प्रकार का होता है-

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टाइप-1 डायबिटीज

टाइप-2 डायबिटीज और
जेस्टेशनल डायबिटीज, जो कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली हाई ब्लड शुगर की समस्या है। डायबिटीज के कारण क्या हैं ? हम जो भोजन करते हैं उससे, शरीर को ग्लूकोज प्राप्त होता है जिसे कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में उपयोग करती हैं। यदि शरीर में इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो वे अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती हैं और ब्लड से कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं पहुंचा पाती हैं। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही इकट्ठा हो जाता है और ब्लड में अतिरिक्त ग्लूकोज नुकसानदायक साबित हो सकता है। जब शरीर सही तरीके से रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है। आमतौर पर डायबिटीज के मुख्य कारण ये स्थितियां हो सकती हैं-

इंसुलिन की कमी

परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना

बढ़ती उम्र

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल

एक्सरसाइज ना करने की आदत

हार्मोन्स का असंतुलन

हाई ब्लड प्रेशर

खान-पान की ग़लत आदतें

डार्क टी क्या है?

अगर आप चाय पीते हैं और आपको डायबिटीज है, तो आपके लिए खुशखबरी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि डार्क टी पीने से ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखा जा सकता है और डायबिटीज का जोखिम कम किया जा सकता है। यह दावा ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड यूनिवर्सिटी और चीन में साउथईस्ट यूनिवर्सिटी की एक नई रिसर्च में हुआ है। इस स्टडी को इसी साल हैम्बर्ग में द यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (ईएएसडी) की वार्षिक बैठक में साझा किया गया था। रिसर्च में 1,923 वयस्क प्रतिभागियों को शामिल किया गया – उनमें से 436 डायबिटीज से पीड़ित थे, 352 को प्रीडायबिटीज थी, और 1,135 में नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल था। शोधकर्ताओं ने चाय पीने की आदत और प्रकार, पेशाब में ग्लूकोज, इंसुलिन रेसिस्टेंट और ग्लाइसेमिक आदि की जांच की।

डार्क टी एक प्रकार की पूरी तरह से ऑक्सीडाइज्ड टी है जो माइक्रोबियल फर्मेशन से गुजरती है। इसे ‘डार्क’ टी कहा जाता है क्योंकि पत्तियां ऑक्सीडाइज्ड होती हैं और रंग बदलती हैं। डार्क टी का एक बड़ा उदाहरण चीन में पु-एर्ह (Pu-erh) है। डार्क टी, ब्लैक टी से अलग होती है। ब्लैक टी ज्यादा काली चाय ऑक्सीडाइज्ड होती है, ग्रीन टी अनऑक्सीडाइज्ड होती है, पीली चाय थोड़ी फर्मेटेड होती है और डार्क टी फर्मेशन के बाद होती है।

डार्क टी के फायदे

शोधकर्ताओं ने पाया कि कभी चाय न पीने वालों की तुलना में, डार्क टी पीने वालों में प्रीडायबिटीज का जोखिम 53% कम था और टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम 47% कम था। उम्र, लिंग, जातीयता और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जैसे डायबिटीज जोखिम कारकों को ध्यान में रखा गया। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी चाय में शुगर या स्वीटनर न मिलाएं, अन्यथा कोई फायदा नहीं होगा।

रिसर्च के अनुसार, डार्क टी पीने से दो कारणों से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। सबसे पहले, यह इंसुलिन रेसिस्टेंट में सुधार करता है जिससे आपका शरीर आपके ब्लड शुगर को बेहतर ढंग से कंट्रोल करता है। दूसरा, यह आपके पेशाब में ग्लूकोज बहने को बढ़ाने में योगदान देता है।

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