संस्कृत श्लोक उच्चारण के साथ 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के बहुउदेशीय भवन में प्रातः 6:00 समूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योग पीठ हरिद्वार से प्रशिक्षित योग शिक्षक श्री नंदकिशोर झा के मार्गदर्शन एवं सानिध्य में योग प्रशिक्षण का भव्य आयोजन हुआ। विदित है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पिछले 9 सालों से संस्थान परिसर में पूरे उल्लास पूर्वक एवं उत्साह के साथ सामूहिक रूप से आयोजित किया जा रहा है।
दीप प्रज्वलन के उपरांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान के प्रभारी निदेशक (डॉ) राम विनय शर्मा ने योग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ से योग को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई है। हमारे सांस्कृतिक विरासत को अपने जीवन में धारण करने का यह पावन अवसर है। योग से आप अपने सिर्फ काया को ही नहीं आध्यात्मिक स्तर पर भी स्वस्थ महसूस कर सकते हैं।
वही आज के योग प्रशिक्षक श्री नंदकिशोर झा ने नियमित योग के आवश्यकता को रेखांकित करते हुए बताया कि यदि आप प्रत्येक दिन नियमित रूप से एक घंटा योग नियमानुसार करते हैं तो आप अपने जीवन के 100 साल तक डॉक्टर के यहां जाने से बच सकते हैं। श्री झा ने सभी से आवाहन किया की आप अपने घर में पूरे परिवार के साथ प्रतिदिन योग करें इससे आपके घर का परिवारिक माहौल एवं सभी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। उन्होने बताया की योग स्वस्थ जीवन का आधार है जो शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक सुख व आध्यात्मिक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। योग प्रशिक्षक श्री झा ने “ करे योग रहे निरोग” के नारा को क्रियान्वित करने का सबों से आवाहन किया।
कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए एनआईटी के प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार ने बताया की प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार, योग शारीरिक और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने के सबसे भरोसेमंद साधनों में से एक के रूप में उभरा है। शब्द “योग” संस्कृत मूल युज से लिया गया है जिसका अर्थ है “जुड़ना”, “जोड़ना” या “एकजुट होना”, जो मन और शरीर की एकता का प्रतीक है; विचार और क्रिया; संयम और पूर्ति; मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य, और स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण।
उन्होने कहा की योग का अभ्यास करने के लाभों के बारे में जानकारी का व्यापक प्रसार लोगों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा। योग ने समग्र स्वास्थ्य क्रांति के युग का संचार किया जिसमें इलाज के बजाय रोकथाम पर अधिक ध्यान दिया गया।
कार्यक्रम में संस्थान के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. प्रहलाद प्रसाद, डॉ जितेंद्र कुमार के साथ साथ संस्थान के कई वरिष्ठ अध्यापक, कर्मचारी एवं सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। डॉ जितेंद्र कुमार कार्यक्रम में शामिल सभी योगाभ्यासीयों का आभार व्यक्त करते हुए योग प्रशिक्षक श्री नंदकिशोर झा से आग्रह किया की संस्थान परिसर में नियमित योग संचालन के लिए एक समुचित कार्यक्रम बनाएं ताकि संस्थान परिसर में रह रहे शिक्षक कर्मचारी एवं छात्र योग का अधिक से अधिक लाभ अपने जीवन में ले सकें।