पर्यवेक्षक की सूची सार्वजनिक नहीं करने पर जिला उपाध्यक्ष बबलू झा करेंगे आत्मदाह

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महोदय ,
विगत दिनों झारखंड प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी नए जिलाध्यक्षों की सूची से संबंधित विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मानगो पुल के पास स्थित गांधी घाट पर जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में “संगठन सृजन अभियान” के नियमों के घोर अवहेलना के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण सत्याग्रह करके अपनी आपत्ति दर्ज कराई।

विदित हो कि कांग्रेस के केंद्रीय आलाकमान के निर्देश पर “संगठन सृजन अभियान” के तहत केंद्रीय पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई थी और उनके जरिए ही प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता, समर्थकों तथा समाज के गणमान्य लोगों से रायशुमारी की गई थी। तय यह था कि इस रायशुमारी के आधार पर ही मजबूत दावेदारों की प्राथमिकतावार सूची पर्यवेक्षक द्वारा केंद्रीय आलाकमान को सौंपी जाएगी और उनमें से ही शीर्ष उम्मीदवार का जिलाध्यक्ष के लिए चयन होगा। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पर्यवेक्षकों के रिपोर्ट तथा अंतिम सूची को पूरी तरह से नजरअंदाज करके विधायकों एवं मंत्रियों के सिफारिश पर ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया गया जो सूची में कहीं नहीं थे।

गांधी घाट, जमशेदपुर के आज के सत्याग्रह में जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष बबलू झा, जिला महासचिव अमित दुबे, जिला सचिव अजितेश उज्जैन, आजम सफी बादशाह जिला सचिव , शमीम गद्दी, गुलाम मोहम्मद तथा जिला सचिव कुलदीप सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे। जिला उपाध्यक्ष बबलू झा ने मीडिया से बातचीत के क्रम में बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में रायशुमारी की प्रक्रिया तथा पर्यवेक्षक की रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर एक ऐसे व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाया गया है जो पूर्वी सिंहभूम के जिलाध्यक्ष की चयन की प्रक्रिया के दौरान ज्यादातर वक्त बतौर प्रदेश पर्यवेक्षक, रांची ग्रामीण में थे। बबलू झा ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले से कुल 72 दावेदार थे और पार्टी को “संगठन सृजन अभियान” प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करते हुए पर्यवेक्षक की सूची को सार्वजनिक करना चाहिए। जिला सचिव अजितेश उज्जैन ने बताया कि संगठन हित में यह आवश्यक है कि गलत को गलत कहा जाए तथा उसका विरोध किया जाए। यहीं नहीं बल्कि बबलू झा ने आगे सूची नहीं जारी होने की स्थिति में आंदोलन के और व्यापक होने की बात कहते हुए आत्मदाह तक की धमकी दे डाली और कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश प्रभारी के राजू तथा प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की होगी।

सूत्रों की माने तो पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में ऐसे दो पूर्व विधायकों की सिफारिश को तरजीह दी गई है जिनमें से एक 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर आजसू से चुनाव लड़ चुके है तथा दूसरे ऐसे पूर्व विधायक है जिनकी प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता से नजदीकी सर्वविदित है। इस बीच सोशल मीडिया में यह आम चर्चा का विषय हैं कि पदभार ग्रहण करने के दौरान नए जिलाध्यक्ष किस खुली लाल गाड़ी में आए थे ? वह गाड़ी किसकी थी?
भवदीय,
बबलू झा,
जिला उपाध्यक्ष,
पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी।

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