नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद में मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा की अनुमति नहीं देने के लिए सोमवार को एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ से जुड़ी पार्टियां मणिपुर के लोगों की भावनाओं को प्रतिबिंबित कर रही हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, “मणिपुर में 3 मई के बाद की स्थिति पर सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लगातार नजरअंदाज करने से संसद में तीसरे दिन भी कामकाज नहीं हो सका। ‘इंडिया’ से जुड़ी पार्टियां केवल मणिपुर और वास्तव में हमारे देश के लोगों की भावनाओं को प्रतिबिंबित कर रही हैं। पीएम सदन के अंदर बोलने से क्यों भाग रहे हैं?”
जयराम रमेश की टिप्पणी सदन के अंदर मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच दोनों सदनों को दिन भर के लिए स्थगित किए जाने के बाद आई। इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के सांसदों ने भी सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग की। विपक्षी दलों के गठबंधन के सांसदों ने संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन भी किया। बता दें कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर की घटना पर अपना दर्द और गुस्सा व्यक्त किया था। उन्होंने कहा था कि पूर्वोत्तर राज्य में महिलाओं के साथ भीषण घटना बहुत शर्मनाक है। इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है। यह घटना पूरे देश के लिए अपमान है। इसने 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार किया है। मैं देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
हालांकि, उन्होंने अपने बयान में राजस्थान और छत्तीसगढ़ (दोनों कांग्रेस शासित राज्य) में हिंसा की घटनाओं का भी जिक्र किया था। इस पर भी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार से सवाल पूछे थे। बता दें कि मणिपुर में 3 मई को जातीय झड़पें भड़की थी। उस समय से लेकर अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। इसी बीच 19 जुलाई को मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दल सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़े हैं।