सफरनामा : ऊटी-मुन्नार भी हुआ पुराना, अब घूमने के लिए लोगों की पहली पसंद बन रहा कर्नाटक का कॉफी लैंड चिकमंगलूर

सफरनामा : ऊटी-मुन्नार भी हुआ पुराना, अब घूमने के लिए लोगों की पहली पसंद बन रहा कर्नाटक का कॉफी लैंड चिकमंगलूर

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बेंगलुरू : कर्नाटक का हिल स्टेशन चिकमंगलूर कॉफी के बागानों और खूबसूरत नजारों के लिए मशहूर है। यहां हरी-भरी वादियां झरने और वाइल्डलाइफ सेंचुरी हैं। आप यहां रोमांचक एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी मजा ले सकते हैं। कर्नाटक के इस कॉफी लैंड में घूमने के लिए बहुत कुछ है। रेल या रोड मार्ग से यहां पहुंचना काफी आसान हो जाता है।
गर्मी में जरूर बनाएं चिकमंगलूरु जाने का प्लान
कर्नाटक राज्य का हिल स्टेशन चिकमंगलूर, बेंगलुरु से 240 किलोमीटर दूर स्थित है। इसे बेंगलुरु के करीब सबसे अच्छे हिल स्टेशनों में से एक माना जाता है। ये शहर अपने हरे-भरे जंगलों, खूबसूरत वादयों और ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के लिए जाना जाता है।
कहलाता है कर्नाटक का कॉफी लैंड
चिकमंगलूर कॉफी की पैदावार के लिए जाना जाता है और इसे कर्नाटक का कॉफी लैंड भी कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भारत में सबसे पहले इसी इलाके में कॉफी की खेती की गई थी।
पूरे साल घूमने के लिए है बेस्ट
चिकमंगलूर एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट है और पूरे साल ही यहां जाया जा सकता है। यहां न तो बहुत गर्मी पड़ती है और न ही बहुत सर्दी। यहां काफी सारे तीर्थस्थल, वाइल्डलाइफ टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं। साथ ही आप यहां कई सारे एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी मजा ले सकते हैं।
कैसे पहुंच सकते हैं चिकमंगलूर
ये हिल स्टेशन काफी कनेक्टेड है। कर्नाटक के हर शहर से आप रेल या रोड मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं। यहां तक जाने के लिए आपको हमेशा ही बस उपलब्ध होगी, जिससे मैसूर और बेंगलुरु से यहां पहुंचना काफी आसान हो जाता है। सिर्फ 4-6 घंटों का समय लगता है।
आप ट्रेन की आरामदायक यात्रा कर सकते हैं। बेंगलुरु और मैसूर दो प्रमुख एयरपोर्ट हैं, जहां आप देश के कई हिस्सों से आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। बेंगलुरु से चिकमंगलूर की दूरी सड़क मार्ग से 243 किलोमीटर और हवाई मार्ग से 201 किलोमीटर है।
क्या देखें
यहां आपको खूबसूरत पहाड़ियों से लेकर बेहतरीन वॉटरफॉल देखने को मिलेंगे।
कालहट्टी फॉल इस शहर के सबसे सुंदर नजारों में से एक है।
भद्रा वाइल्डलाइफ सेंचुरी तेंदुओं, बाघ और जंगली सुअरों का गढ़ है। जिन लोगों को वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी का शौक हैं, उनके लिए ये काफी अच्छी जगह है।
यहां की मानव निर्मित हिरकोले झील प्रकृति प्रेमियों के लिए देखने लायक है।
बाबा बुदन गिरी की चोटी तक पहुंचने के लिए आपको 450 से भी ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी होती है, लेकिन यहां पहुंचकर आप यहां के खूबसूरत नजारों में खो जाएंगे।
चिकमंगलूर से 29 किलोमीटर दूर बेलावाडी गांव है। यह गांव इतिहास में काफी महत्व रखता है। यहां की होयसला वास्तुकला सबसे बड़ा आकर्षण है।
बटरमिल्क फॉल भी कहते हैं
यहां के झारी वॉटरफॉल को बटरमिल्क फॉल भी कहते हैं। हरी-भरी पहाड़ियों से बहता ये झरना नीचे आकर एक तालाबनुमा बेस भी बनाता है। यहां आप अपने निजी वाहनों से नहीं जा सकते, आपको चार किलोमीटर दूर पार्किंग एरिया में अपनी गाड़ी खड़ी करनी होगी। यहां से आपको वॉटरफॉल तक जीप मिल जाएगी। न्यूज़ फास्ट।
कॉफी म्यूजियम भी है
कॉफी की धरती पर आपको कॉफी म्यूजियम भी मिलेगा। यहां आप कॉफी की खेती से लेकर उसकी कटाई और पिसाई तक की पूरी कहानी, कॉफी एक्सपर्ट से समझ सकते हैं। इसमें एक प्रयोगशाला भी है और काफी सारे दिलचस्प डिस्प्ले भी देखने को मिलते हैं।

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