Ranchi रांची : हाईकोर्ट के न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय ने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया. ईडी ने राज्य के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री को 15 मई 2024 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ़्तार किया था. निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आलमगीर आलम ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. एक मई को न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय की पीठ मे ज़मानत याचिका की सुनवाई निर्धारित थी
हालांकि न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई से ख़ुद को अलग करते हुए इसे दूसरे बेंच में भेजने का निर्देश दिया. इससे अब पूर्व मंत्री की ज़मानत याचिका पर सुनवाई गर्मी की छुट्टी के बाद होगी. ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग में योजनाओं में कमीशन और मनी लॉन्ड्रिंग की आरोपों की जांच के दौरान आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल, करीबी जहांगीर आलम सहित अन्य के ठिकानों पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान जहांगीर के घर से 32 करोड़ रुपये नकद और संजीव लाल के कंप्यूटर और डायरी में विकास योजनाओं में कमीशन वसूले जाने का ब्योरा पाया गया था. इसके बाद ईडी ने तत्कालीन मंत्री अलामगीर आलम को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था. दूसरे दिन की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया था. TAGS