Dhanbad: विदेश भागने की फिराक में था कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह

Dhanbad धनबाद : धनबाद के स्वास्थ्य विभाग में कांट्रैक्ट पर आठ हजार रुपए की नौकरी करने वाला प्रमोद सिंह घोटालों के सहारे करोड़ों का आदमी बन गया. कोयला की अवैध कमाई से अकूत संपत्ति खड़ा करने वाला प्रमोद सिंह विदेश भागने की फिराक में था. इससे पहले ही ईडी ने उसके घर पर दबिश दे दी. सूत्रों के अनुसार, 15 दिनों पहले ही प्रमोद ने नए पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया है. उसका पासपोर्ट पहले से था, लेकिन दुर्गापुर एयरपोर्ट पर उसे जब्त कर लिया गया था. 20 फरवरी 2023 को दुर्गापुर एयरपोर्ट पर उसके बैग से गोली बरामद हुई थी. सीआईएसएफ व एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तब उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया था. जमानत पर छूटने के बाद वह कोयले के कारोबार में लग गया. पिछले तीन वर्षों में प्रमोद सिंह ने अलग-अलग पार्टनर के साथ

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नया उत्खनन शुरू होने से पहले पड़ गई रेड कोयले की अवैध कमाई का चस्का लगने के बाद प्रमोद सिंह लगातार जगह बदल कर अवैध उत्खनन कराता था. सूत्रों के अनुसार, एक दिन पहले ही तेतुलमारी में अवैध उत्खनन स्थल की सफाई शुरू कराई थी, लेकिन खनन शुरू होने से पहले ही ईडी की रेड पड़ गई. इससे पहले भी वह तेतुलमारी, ईस्ट बसुरिया, बरवाअड्डा आदि क्षेत्रों में अवैध डिपो के जरिये बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार कर चुका है. कोयले के अवैध धंधे के बड़े-बड़े माफियाओं के साथ उसके गहरे संबंध भी हैं.

डेढ़ साल से प्रमोद था ईडी के रडार पर एसीबी ने जब पहली बार प्रमोद सिंह के घर पर दबिश दी थी, तो उसके पास से करोडों की नकदी के साथ ही सोने-चांदी व हीरे जब्त हुए थे. एसीबी को जब इतने बड़े पैमाने पर मनी लांडिंग के मामले का पता चला, इसके मामला ईडी व एनआईए को नहीं सौंपा गया. इस मामले में एसीबी की संदेहास्पद भूमिका पर एक गुमनाम ने ईडी को पत्र भेजा था. तब 24 नवंबर 2022 को ईडी ने स्वास्थ्य घोटाले में शामिल अरुण कुमार सिंह को नोटिस भेजा था. इसके बाद से ही घोटाले में शामिल प्रमोद सिंह को ईडी ने अपने रडार पर ले लिया था.

2016 में एसीबी की छापेमारी के बाद आया चर्चे में एसीबी ने वर्ष 2016 में प्रमोद सिंह के घर छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति जब्त की थी. प्रमोद जोरापोखर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चासनाला में संविदा पर ब्लॉक अकाउंट मैनेजर के पद पर बहाल हुआ था. बहाली के चार साल में ही उसने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली थी. एसीबी ने उसके चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. जिसमें सहयोगी नगर स्थित आलीशान घर, सरायढेला स्थित दूसरा मकान व भूली का सरकारी आवास समेत स्वास्थ्य केंद्र शामिल था. उसके बैंक के लॉकर से डेढ़ किलो सोना और 200 ग्राम हीरा मिला था. एसीबी जब उसके सहयोगी नगर स्थित घर में छापेमारी की थी तो घर के भीतर की सजावट और घर में इस्तेमाल होने वाली सामान देख हैरत में पड़ गई थी. उस छापेमारी में भी एसीबी को कोयले के अवैध कारोबार से जुड़े कुछ कागजात मिले थे. उस समय एसीबी ने उसकी कुल संपत्ति 10 करोड़ आंकी थी और केस संख्या 46/16 दर्ज कर जांच शुरू की थी. इस मामले में प्रमोद के साथ कई अन्य लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इसके बाद 2019 में एसीबी ने एक और केस संख्या 15/19 26 अगस्त 2019 को (धारा 109, 120बी, 406, 409, 420, 467, 471, 477 ए) दर्ज करते हुए प्रमोद सिंह समेत 15 लोगों को अभियुक्त बनाया था. आश्चर्य यह कि इतने बड़े घोटाले और अकूत संपत्ति का प्रमाण मिलने के बाद भी एसीबी प्रमोद को जेल के दरवाजे तक ले जाने में विफल रही. ईडी के निशाने पर धनबाद के एक दर्जन करोड़पति सूत्रों की मानें, तो ईडी की निशाने पर धनबाद के एक दर्जन से अधिक करोड़पति हैं. इनमें ज्यादातर कोयला कारोबारी हैं. इसके अलावा भी कई अन्य को जांच एजेंसी ने नोटिस दिया है. इससे उनमें हड़कंप मचा है. चर्चा है कि हाल में कोयला का कारोबार कर करोड़ों रुपये कमाने वालों को निशाने पर लिया जा रहा है.

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