अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने पाया कि बागबेड़ा निवासी सत्येंद्र सिंह के 2 साथी इंद्रजीत कुमार सिंह और अरविंद चौधरी सत्येंद्र सिंह को पैसा डबल करने की बात कह कर 24 दिसंबर को बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले रमेश उर्फ सिकंदर साथ ही उसके भतीजे से मुलाकात करवाते हैं और सत्येंद्र सिंह के बागबेड़ा घर पर एक डेमो दिखाकर पैसा डबल करने की बात कहते हैं, जहां इनके झांसे में सत्येंद्र सिंह आ जाता है और दो दिनों बाद 26 दिसंबर की मध्य रात्रि घर के अलमारी में रखे कंपनी के कलेक्शन के पैसे 17 लाख रुपए चोरी होने के झूठी कहानी रचते है, पुलिस ने 27 दिसंबर को मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू की सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सेल के आधार पर पाया कि सत्येंद्र सिंह झूठ बोल रहा है पूछताछ में सत्येंद्र सिंह ने बताया कि वह अपने साथियों इंद्रजीत कुमार सिंह और अरविंद चौधरी के बहकावे में आकर बिहार के रहने वाले रमेश उर्फ सिकंदर और उनके भतीजे को अपने घर बुलाते हैं और नोट किस तरह से डबल होता है उसकी जानकारी हासिल की और 17 लाख रमेश उर्फ सिकंदर को सौंप दिया, जानकारी देते हुए एएसपी सुमित अग्रवाल ने बताया कि सत्येंद्र सिंह पहले पुलिस को गुमराह कर रहे थे उसके बाद उसने बताया कि उसके दो साथी अरविंद चौधरी और इंद्रजीत कुमार सिंह उसे पैसा डबल करने वाले गिरोह के रमेश उर्फ सिकंदर से मुलाकात करवाते हैं जिसकी बात में वह आकर चोरी की झूठी कहानी को अंजाम देते हैं उन्होंने बताया कि बिहार से रमेश उर्फ सिकंदर की गिरफ्तारी हुई है जिसका पूर्व में भी आपराधिक इतिहास रहा है पुलिस ने इसके पास से चोरी के 1 लाख 99500 रुपये नगद एक स्कूटी, रेनॉल्ट कार, नोट ठगी करने में प्रयोग किए जाने वाले कागज के बंडल, केमिकल और पांच मोबाइल फोन बरामद किया है इस मामले में रमेश उर्फ सिकंदर का भतीजा फरार है जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है
सुमित अग्रवाल ए एस पी