झारखंड की राजधानी रांची में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लेकिन यहाँ की सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ रही है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से भेजे गए सातवें समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वैकल्पिक उपायों पर मंथन कर रहे हैं. चर्चा है कि ज़रूरत पड़ने पर वे अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप सकते हैं.
उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बुज़ुर्ग विधायक डॉक्टर सरफ़राज़ अहमद के अचानक इस्तीफ़ा देने के बाद यह चर्चा और तेज़ हो गई है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में वे गिरिडीह ज़िले की गांडेय सीट से विधायक चुने गए थे.
उन्होंने साल 2023 के आख़िरी दिनों में अपना इस्तीफ़ा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा.
31 दिसंबर को स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार भी कर लिया और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी.