इस गीतकार ने ‘एनिमल’ को बताया महिलाओं का अपमान

मुंबई : डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘एनिमल’ दो दिन पहले शुक्रवार (1 दिसंबर) को रिलीज हुई है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त धमाल मचा रही है। दो दिन में ही 100 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर चुकी है। इस फिल्म में रणबीर कपूर के किरदार की हर ओर चर्चा हो रही है। इस बीच मशहूर गीतकार स्वानंद किरकिरे ने फिल्म में महिलाओं की छवि खराब करने पर आपत्ति जताते हुए नाराजगी दिखाई है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X (ट्विटर) पर लिखा, “शांताराम की औरत, गुरुदत्त की साहब बीवी और गुलाम, हृषीकेश मुखर्जी की अनुपमा, श्याम बेनेगल की अंकुर और भूमिका, केतन मेहता की मिर्च मसाला, सुधीर मिश्रा की मैं जिंदा हूं, गौरी शिंदे की इंगलिश विंगलिश, बहल की क्वीन, सुजीत सरकार की पीकू आदि, हिंदुस्तानी सिनेमा की कई ऐसी फिल्में हैं, जिन्होंने मुझे सिखाया कि स्त्री, उसके अधिकार, उसकी स्वायत्तता की इज्जत कैसे की जानी चाहिए। लेकिन एनिमल फिल्म देखने के बाद मुझे सच में आज की पीढ़ी की महिलाओं पर दया आ गई।

buzz4ai

अब आपके लिए एक नया आदमी तैयार हो गया है, जो ज्यादा डरावना है, जो आपकी उतनी इज्जत नहीं करता और जो आपको अपने वश में करना चाहता है। तुम्हें दबाता हूं और खुद पर गर्व महसूस करता हूं। जब तुम, आज की पीढ़ी की लड़कियां, उस सिनेमा हॉल में बैठकर रश्मिका की सराहना कर रही थीं, तो मैंने मन ही मन समानता के हर विचार को श्रद्धांजलि दी। मैं हताश, निराश और कमजोर होकर घर आया हूं।”

स्वानंद ने आगे लिखा, “एनिमल में रणबीर का डायलॉग जिसमें वह अल्फा पुरुष को परिभाषित करते हैं और कहते हैं कि जो पुरुष अल्फा नहीं बन पाते, वे सभी महिलाओं का आनंद पाने के लिए कवि बन जाते हैं और चांद-सितारे तोड़ने के वादे करने लगते हैं। मैं एक कवि हूं, मैं जीने के लिए कविता करता हूं। क्या मेरे लिए कोई जगह है?

एक फिल्म खूब पैसा कमा रही है और भारतीय सिनेमा के गौरवशाली इतिहास को शर्मसार किया जा रहा है। मेरी समझ से यह फिल्म भारतीय सिनेमा का भविष्य नए सिरे से तय करेगी, एक अलग अंदाज में, भयानक और खतरनाक दिशा। आपको बता दें कि 51 साल के स्वानंद कई फेमस फिल्मों के गाने लिख चुके हैं।

Leave a Comment

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This