पणजी: गोवा में पुलिस ने कहा है कि उसने 36 साल के एक व्यक्ति को अपनी 14 साल की बेटी का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पणजी पुलिस ने बताया कि आरोपी मूल रूप से नेपाल का रहने वाला है और तटीय राज्य में एक स्टोर पर काम कर रहा था।
पुलिस ने कहा, “घटना चार दिन पहले हुई, जब पीड़िता की मां घर पर नहीं थी। हमने मामले की जांच के बाद आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।” संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
संस्थान संचालक फरार
उत्तराखंड के इस शहर में दिव्यांग नाबालिग छात्राओं के यौन शोषण मामले का खुलासा होने के बाद लोगों के होश उड़ गए थे। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस भी दंग रह गई थी। हालांकि, पुलिस की छापेमारी की कार्रवाई में संस्थान संचालक की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन आरोपी संचालक अभी भी फरार है।
पुलिस ने फरार आरोपी को पकड़ने के लिए कई जगह दबिश दी, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इसी के बीच, मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद लोगों का भरोसा संस्था से उठने लगा है। यह पूरा घिनौना मामाल नैनीताल जिले के काठगोदाम थाना क्षेत्र के अंतर्गत आया था।
क्षेत्र स्थित मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद लोगों का भरोसा संस्था से उठने लगा है। एक-एक कर परिजन बच्चों को यहां से ले जा रहे हैं। दो और छात्रों को परिजन यहां से ले गए हैं। अब तक तीन छात्राओं सहित पांच बच्चे संस्था को छोड़ चुके हैं।
बताया जा रहा है कि बच्चों के जाने की सूचना पर अन्य परिजन भी संस्था के पदाधिकारियों को फोन कर रहे हैं। पदाधिकारियों की ओर से सभी अभिभावकों को पढ़ाई पूर्व की तरह ही सुचारु रखने की बात कही जा रही है। उन्हें समझाते हुए कहा जा रहा है कि इस घटना से किसी भी बच्चे की पढ़ाई पर असर नहीं पड़ने दिया जाएगा।
संस्था की अध्यक्ष सविता लाहोटी का कहना है कि दो बच्चियां यह घटनाक्रम सामने आने से पहले ही स्वेच्छा से चली गई थीं। एक बच्ची को पुलिस ने नारी निकेतन में रखा है। दो छात्र भी स्वेच्छा से गए हैं। स्कूल से ही पीड़िता को भेज दिया था नारी निकेतन: संस्था के संचालक श्याम सिंह धानक (62) पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा को नारी निकेतन में रखा गया है।
11 अक्तूबर को मुकदमा दर्ज होने के बाद 12 अक्तूबर को पुलिस स्कूल में पढ़ने आई छात्रा को वहीं से अपने साथ ले गई थी। इसके दूसरे ही दिन धानक को गिरफ्तार कर लिया गया था। अध्यक्ष सविता लाहोटी ने बताया कि जब बच्ची वापस नहीं आई तो धानक ने ही उन्हें फोन कर मामले की जानकारी दी थी।
संस्था की अध्यक्ष ने बताया कि दो बच्चियां घटना से पहले ही यहां से जा चुकी थीं। बेवजह उनका नाम इस घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है। संस्था इसकी सच्चाई पता लगाने के लिए बच्ची और उनके परिजनों से बात करने की कोशिश करेगी। संस्था की अध्यक्ष का दावा है कि पीड़ित बच्ची संस्था में वापस आना चाहती है।