जमशेदपुर में छह साल में बने 700 भवन जांच के लिए, पास के नक्शे के बाद एक्यूपेंसी सैलून का आवेदन नहीं

झारखंड हाईकोर्ट की फटकार के बाद जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) ने छह साल में बने भवनों का सर्वे शुरू कर दिया है. इसके लिए तीन सदस्यों वाली चार टीम का गठन किया गया है. सर्वे टीम की माने तो 2017 के बाद अबतक कुल 700 नक्शे पास हुए हैं, जिनमें अधिकतर भवनों के खिलाफ नक्शा उल्लंघन कर निर्माण की शिकायतें मिली हैं. कई लोगों ने अदालत में अर्जी भी दी है. इसे लेकर जेएनएसी ने सर्वे शुरू कराई है. अलग-अलग टीम में इंजीनियर नक्शा लेकर भवनों को चिह्नित कर रहे हैं. सर्वे कई बिंदुओं पर किया जा रहा है.

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निर्धारित समय में पूरा नहीं हुआ सर्वे सर्वे के लिए गठित टीमों को तीन दिन का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन दो दिन में केवल 50 प्रतिशत भवनों का ही सर्वे हो सका है. सर्वे टीम का अनुमान है कि सर्वे पूरा करने में अभी और तीन दिन का समय लग सकता है. नक्शा पास के बाद अक्यूपेंसी सर्टिफिकेट का आवेदन नहीं जेएनएसी के उपप्रशासक पीयूष सिन्हा ने निर्देश दिया है कि नक्शा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ झारखंड बिल्डिंग बायलॉज के तहत कार्रवाई की जाएगी. आर्किटेक्ट से नक्शा पास कराने के बाद अक्यूपेंसी सर्टिफिकेट का आवेदन नहीं करते हैं. सर्वे के दौरान टीम को मिल रही शिकायतें सर्वे करने वाली टीमों को कई तरह की शिकायतें मिल रही है. खासकर बगान एरिया में बिना नक्शा के ही भवन बन गए हैं तो कई भवन ऐसे भी हैं, जिन्हें सील कर दिया गया, पर निर्माण जारी है. बारीडीह और सोनारी में सील भवन का भी पिछले दरवाजे से निर्माण जारी है.

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