जनता दल(यूनाइटेड) पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष, श्री सुबोध श्रीवास्तव ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि बन्ना गुप्ता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।

जद(यू) के पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष, श्री सुबोध श्रीवास्तव का प्रेस वक्तव्य

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जनता दल(यूनाइटेड) पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष, श्री सुबोध श्रीवास्तव ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि बन्ना गुप्ता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। अभी भी चुनाव में हार के सदमें से वे बाहर नहीं आये हैं और उनको सपने में सरयू राय ही दिखाई पड़ते है। एमजीएम अस्पताल के जर्जर भवन का छज्जा टूटने और नये भवन में अस्पताल शिफ्ट नहीं होने के लिए वे विधायक सरयू राय को जिम्मेदार ठहरा रहे है। यह उनके मानसिक दिवालियेपन का प्रतीक है।

बन्ना गुप्ता पिछले पाँच साल तक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रहे। इस बीच में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नये अस्पताल का भवन बनकर तैयार हो गया। परंतु उस भवन में पानी कहां से आएगा, इसकी कोई व्यवस्था नहीं हुई तो इसके लिए सरयू राय जिम्मेदार है कि बन्ना गुप्ता जिम्मेदार है, यह बात सबको पता है। विकास योजनाओं का राजनीतिक लाभ लेने के फिराक में बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर गुमराह किया और विधानसभा चुनाव के पहले नये अस्पताल भवन में पानी की व्यवस्था नहीं होने के बावजूद भी उसका उदघाटन करा दिया और वहां 1-2 विभाग का ओपीडी शिफ्ट करा दिया। अब जिला प्रशासन वहां बोरिंग करा रहा है। बन्ना गुप्ता को बताना चाहिए कि अस्पताल के नये भवन के डीपीआर में पानी की व्यवस्था कहां से होनी थी और वह क्यों नहीं हो पाया ?

इसी तरह से पिछले पाँच वर्षों में मंत्री के रूप में बन्ना गुप्ता ने दर्जनों बार अस्पताल का दौरा किया, उसमें पूरा जिला प्रशासन को लगाया गया। एडीएम श्री एन.के. लाल को पूरी तरह से अस्पताल की हालत को सुधारने के काम में लगाया, जुस्को के पदाधिकारियों ने भी अस्पताल का भ्रमण किया। मगर कुछ नहीं हो पाया तो इसका जिम्मेदार बन्ना गुप्ता के अलावा कौन है ?
पुराने भवनों का प्रत्येक साल ढांचा अंकेक्षण भवन निर्माण विभाग को करना होता है।

भवन निर्माण विभाग से एक बार भी जर्जर हो चुके भवन की स्थिति कितनी खतरनाक है, इसका आकलन नहीं कराया गया। बन्ना गुप्ता केवल झारखण्ड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री नहीं थे, बल्कि वे जमशेदपुर पश्चिम से विधायक भी थे, जहां अस्पताल अवस्थित है। एक बार भी जर्जर भवन की मरम्मत कैसे हो, इसके बारे में कोई कोशिश नहीं हुआ। बन्ना गुप्ता का पूरा ध्यान नये-नये भवन बनवाने, खर्चीले आधारभूत संरचनाएं खड़ी करने की ओर रहा।

इनकी प्राथमिकता में सरकारी पैसे से ठेकेदार बहाल करा देना, जो संरचनाएं खड़ी होंगी उसका संचालन कैसे होगा, इसके बारे में स्वास्थ्य मंत्री के नाते इनका ध्यान नहीं रहा अब यह अपनी नाकामी का ठीकरा विधायक सरयू राय के मत्थे मढ़ना चाह रहे हैं, जो पूर्णतया हास्यास्पद है।

आश्चर्य नहीं होगा कि कोविड काल से लेकर विगत पाँच वर्षों में स्वास्थ्य विभाग में उन्होंने जो घपले-घोटाले किए हैं, उसका जिम्मेदार भी श्री बन्ना गुप्ता सरयू राय के मत्थे मढ़कर अपने पाक-साफ होना चाह रहे हैं।
ऐसा प्रयास वही व्यक्ति कर सकता है, जो मानसिक संतुलन खो चुका है और जिसे पता नहीं वह जो बयान दे रहा है, उसका निष्कर्ष क्या निकलेगा।

सादर,

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