जमशेदपुर,24 जनवरी 2024
आनंद मार्ग प्रचारक संघ के वरिष्ठ आनंद मार्गी लक्ष्मण दादा का हृदय गति रुक जाने के कारण वे भौतिक शरीर को त्याग कर परमपद में लीन हो गए ।
लक्ष्मण दादा आनंद मार्ग की दीक्षा भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी के अध्यात्मिक दर्शन से प्रभावित होकर सन 1965 में आनंदमार्गी आचार्य चंद्रदेव जी से लिए थे । गदरा आनंद मार्ग जागृति निर्माण में उनका बहुत बड़ा योगदान था ।आनंद मार्ग के गार्जियन के रूप में उनकी गिनती होती थी। उनके निधन से आनंद मार्गी समाज को काफी छाती हुई है। आनंदमार्गी 84 वर्षीय लक्ष्मण दादा का दाह संस्कार साकची स्वर्णरेखा घाट में आनंद मार्ग की पद्धति से संपन्न किया गया । श्मशान घाट पर आनंद मार्ग की पद्धति के अनुसार प्रभात संगीत प्रस्तुत किए जिसके बोल थे ” धर्म आमारई साथी धर्म आमराई प्राण, परम पुरुष के मानी आमी ए ताहाराई दान ,जीवनेर प्रथम प्रभाते से छीलो आमाराई साधे”। उसके बाद आनंद मार्ग की पद्धति के अनुसार शोकाकुल स्वर में “बाबा नाम केवलम” कीर्तन का किया मिलित वैदिक मंत्र के साथ,ईश्वर प्राणिधान के बाद स्वर्गीय लक्ष्मण दादा का शव का दाह संस्कार कर दिया गया ।
28 जनवरी को गदरा आनंद मार्ग जागृति में 3 बजे उनका श्राद्ध अनुष्ठान आनंद मार्ग पद्धति से संपन्न किया जाएगा ।दाह संस्कार दाह संस्कार कार्यक्रम में आशा देवी, बी एन कुमार, देवव्रत दत्त ,अनिल सिंह ,दिवाकर प्रसाद ,अजय देव ,अरुण वर्मा सुनील आनंद तथा गदरा के अन्य सम्मानित लोग भी उपस्थित थे।