बकरी चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, लग्जरी कार का करते इस्तेमाल

दौसा: राजस्थान के दौसा में पुलिस ने चार ऐसे चोरों को गिरफ्तार किया है. जो दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर होंडा सिटी कार से भेड़-बकरियों की चोरी करते थे. पुलिस ने बताया कि इन चोरों ने दर्जनों ऐसी वारदातों को अंजाम दिया है. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने कार में फर्जी नंबर प्लेट लगाई हुई थी और उनके पास कई ऐसे औजार मिले जो जिनका इस्तेमाल चोरी के लिए किया जाता था. आरोपी दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे पर आकर वारदात को अंजाम देते थे. फिर उसी रास्ते से दिल्ली चले जाते थे. इन्होंने जयपुर व दौसा में दर्जन भर वारदातों को अंजाम दिया है. एसपी वंदिता राणा ने बताया कि 24 सितंबर को एक शख्स ने बकरी चोरी होने की शिकायत थाना लवाण में दर्ज कराई थी. इसके अलावा पशु चोरियों की घटनाएं पुलिस के संज्ञान में आई थी.

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इसी के खुलासे के लिए एडिशनल एसपी रामचंद्र सिंह व सीओ अरविंद कुमार के सुपरविजन में एसएचओ दिनेश कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई. पुलिस ने कस्बे और अन्य जगहों की सीसीटीवी फुटेज खंगाल. इस दौरान राजस्थान नंबर की संदिग्ध होंडा सिटी कार को चिन्हित किया गया. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने देर रात नाकाबंदी की और एक होंडा सिटी कार को डिटेन किया. जिस पर दिल्ली नंबर की प्लेट लगी हुई थी जब गाड़ी की तलाशी ली गई तो कार के अंदर राजस्थान की नंबर प्लेट मिली जो सीसीटीवी फुटेज से पहचान की गई थी. इसके अलावा गाड़ी में चोरी के काम आने वाले सभी उपकरण जैसे तार काटने का कटर, प्लास, नंबर प्लेट बदलने के लिए पेचकस, गोल पाना और बकरियां बांधने की रस्सियां मिलीं.

एसपी राणा ने बताया कि मामले में संदिग्ध सोनू मीणा पुत्र रामेश्वर (33) निवासी थाना अमन विहार नॉर्थ दिल्ली, ओमप्रकाश वाल्मीकि पुत्र हरिचन्द (39) निवासी थाना मोहन गार्डन उत्तम नगर नई दिल्ली, राजू वाल्मीकि पुत्र चिमनलाल (38) निवासी बहादुरगढ़ जिला झज्जर हरियाणा और दीपक वाल्मीकि पुत्र लालाराम (25) निवासी पाटन थाना तुंगा जिला जयपुर को डिटेन कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों ने जयपुर, दोसा में दर्जन पर वारदाते करना स्वीकार किया है.

पुलिस ने बताया कि दीपक हरिजन हड्डियां इकट्ठी कर बेचने वाले गैंग से पिछले 7 सालों से संपर्क में था. दिन में ये मोटरसाइकिल से गांव में घूम-घूम कर रेकी कर तीन-चार जगह को चिन्हित कर अपने साथियों को सूचित कर देता था. दिल्ली से आए उसके साथी कुछ दूर वाहन खड़ा कर बकरियों के बाड़े में लगे तार को कटर से काट कर बकरियां होंडा सिटी कार की डिग्गी और पीछे वाली सीट के नीचे डाल देते थे. एक ही रात में तीन-चार जगह से भेड़ बकरियां चोरी कर वापस दिल्ली ले जाकर उन्हें बेच देते थे.

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