राजस्थान सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा अब सीएम गहलोत और उनकी सरकार पर हमलावर हैं। गुढ़ा आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने सच बोला और इसी बात की सजा उन्हें दी गई है।
जयपुर: राजस्थान देश के सबसे गर्म प्रदेशों में से एक है। गर्मियों में कई जगहों पर तापमान 50 दुगरी सेल्सियस के भी पार चला जाता है। यहां तापमान के साथ-साथ राजनीतिक पारा भी हमेशा हाई रहता है। इस समय भी राजनीतिक पारा हाई और इस बार थर्मामीटर के बढ़ते तापमान की वजह बने हैं गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा। राजेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 22 जुलाई शुक्रवार को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया और उससे पहले उन्होंने विधानसभा में एक बयान देकर गहलोत सरकार को घेरा था।
कौन हैं राजस्थान में राजनीतिक भूचाल लाने वाले राजेंद्र सिंह गुढ़ा?
राजस्थान के झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र गुढ़ा का जन्म 19 जुलाई 1968 को राजस्थान के पीलीबंगा, हनुमानगढ़ में हुआ था। इनके पिता का नाम माधोसिंह है और इनके परिवार में 12 भाई हैं। 12 भाइयों में से एक राजेंद्र सिंह ने 12वीं कक्षा तक ही शिक्षा प्राप्त की है। परिवार का राजनीति से कोई नाता नहीं था लेकिन उनके भाई रणवीर सिंह उनके परिवार में पहले शख्स थे, जिन्होंने राजनीति में जाने का रास्ता खोला। रणवीर सिंह पहले राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। बाद में 2003 में वह लोकजनशक्ति पार्टी से विधायक बने।
2008 में बसपा से पहुंचे विधानसभा, लेकिन फिर कांग्रेस में हो गए शामिल
राजेंद्र गुढ़ा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2008 में की। साल 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने गुढ़ा को टिकट दिया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि गुढ़ा इस चुनाव को जीत पाएंगे, लेकिन सभी को गलत साबित करते हुए गुढ़ा उदयपुरवाटी सीट से पहली बार विजयी हुए। अपने पहले मतदान में उन्होंने 28,478 वोट हासिल किए। हालांकि इसके बाद वह अन्य पांच बसपा विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पर्यटन राज्य मंत्री (MoS) बनाया गया था।
2018 में फिर से बसपा से जीते लेकिन फिर कांग्रेस में पहुंच गए
इसके बाद 2013 में, वह कांग्रेस के टिकट पर उदयपुरवाटी सीट से फिर चुनाव लादे लेकिन इस बार उन्हें निराशा हाथ लगी। गुढ़ा चुनाव हार गए। साल 2018 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद वह एक बार फिर से बसपा में शामिल हो गए। इस बार उन्होंने 59362 वोट हासिल किए। इस बार भी गुढ़ा का बसपा से मोह भंग हुआ और वह एक बार फिर से सितंबर 2019 में पांच अन्य बसपा विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। अशोक गहलोत ने इस बार भी उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया और इन्हें राज्यमंत्री बना दिया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा राजस्थान सरकार में सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
गहलोत ने क्यों किया बर्खास्त?
शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा कार्रवाई के दौरान हंगामा हो रहा था। इसी दौरान राजेंद्र सिंह गुढ़ा उठे और बोले, “यह सच है और इसे स्वीकार करना चाहिए कि हम महिला सुरक्षा में विफल रहे हैं। राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं उस हालत में में हमें मणिपुर के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं।” इस बयान के राजनीतिक बवाल तय था। इसके बाद रात होते-होते सीएम गहलोत ने राज्यपाल से गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का प्रस्ताव भेज दिया और उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कांग्रेस ने इसे अनुशासनहीनता माना और सीएम द्वारा की गई कार्रवाई को सही ठहराया। वहीं गुढ़ा और बीजेपी ने इसे सच बोलने की सजा बताया।