रांची: प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल पर अंकुश के लिए झारखंड सरकार सख्त कानून लाने जा रही है। इसके तहत पेपर लीक करने के दोषियों पर एक करोड़ का जुर्माना, 10 साल की जेल और दस लाख रुपए तक जुर्माना लगाने का प्रावधान होगा। नकल करने वाले परीक्षार्थियों पर भी एक लाख जुर्माना और तीन साल तक की जेल का प्रावधान होगा। सरकार ने नकल विरोधी कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इससे संबंधित विधेयक इसी महीने होने वाले विधानसभा के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा।
ड्राफ्ट के मुताबिक, पेपर लीक करने के दोषी व्यक्तियों, प्रिंटिंग प्रेस, कोचिंग संस्थान, सर्विस प्रोवाइडर, प्रबंधन की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। इसी तरह कोई छात्र नकल का दोषी पाया जाता है तो उसे अगले दो साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने से डिबार किया जाएगा। सीएम हेमंत सोरेन ने पिछले हफ्ते एक जनसभा में भी कहा था कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता से आयोजित हों और किसी भी मेधावी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हम नकल विरोधी कानून ला रहे हैं। बता दें कि फिलहाल राज्य में झारखंड एग्जाम कंडक्ट रूल 2001 लागू है, जिसके तहत पेपर लीक और नकल के मामलों में मामूली दंड और जुर्माने का प्रावधान है। इस कानून में अधिकतम छह महीने की सजा और तीन हजार रुपए तक का जुर्माना निर्धारित है।