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हाईकोर्ट के दो जजों के बीच का विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, एक्शन में शीर्ष अदालत ₹287.20

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कोलकाता हाईकोर्ट में दो पीठों के समक्ष चल रही सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी है। पश्चिम बंगाल में कथित फर्जी जाति प्रमाणपत्र घोटाले की सीबीआई जांच पर एकल न्यायाधीश और खंडपीठ के बीच टकराव के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। अब शीर्ष अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष सभी कार्यवाहियों पर रोक लगा दी और पश्चिम बंगाल सरकार एवं याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है। उच्चतम न्यायालय आरक्षित श्रेणी के प्रमाणपत्र संबंधी अनियमितता के मामले में 29 जनवरी को अगली सुनवाई करेगा।

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गौरतलब है कि कोलकाता हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश में पश्चिम बंगाल में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस उम्मीदवारों के दाखिले में कथित अनियमितताओं को लेकर खंडपीठ के आदेश को ”अवैध” बताया गया था। दरअसल इससे पहले उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी।

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा था कि न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ द्वारा पारित आदेश पूरी तरह से अवैध है और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की संविधान पीठ शनिवार को इस पर मामले पर सुनवाई कर रही है।

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