इंफाल: हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में लगातार सिक्योरिटी फोर्सेज को भी निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में तेंगनौपाल जिले की एक घटना सामने आई है, जिसमें असम राइफल्स के जवानों के जांबाजी दिखाते हुए फायरिंग जोन में घुसकर मणिपुर पुलिस के जवानों की जान बचाई है. इस घटना के कई Video सामने आए हैं, जिसमें साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे असम राइफल्स के जवान अपनी जान खतरे में डालकर मणिपुर पुलिस के जवानों को रेस्क्यू कर रहे हैं.
दरअसल, मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में मोरेह नाम का एक कस्बा है. म्यांमार बार्डर से सटे इस कस्बे में 31 अक्टूबर को स्नाइपर ने एक पुलिस अधिकारी (SDOP) चिंगथम आनंद कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद पुलिस की टीम को मदद के लिए वहां भेजा गया, लेकिन उग्रवादियों ने तेंगनौपाल जिले में इंफाल-मोरेह नेशनल हाईवे-102 से गुजर रही पुलिस टीम पर घात लगाकर पहाड़ियों से हमला कर दिया.
वीडियो में नजर आ रहा है कि कैसे ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से अचानक हुई ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद मणिपुर पुलिस के जवान वहां फंस जाते हैं. उग्रवादियों ने इस हमले के लिए बकायदा एंबुश बनाया था. इस फायरिंग में गोली लगने के कारण पुलिस के जवान बुरी तरह से घायल हो जाते हैं. उग्रवादियों के स्नाइपर पहाड़ियों से फायरिंग कर ही रहे थे कि तभी वहां असम राइफल्स के जवानों की एक टीम पहुंच गई.
भीषण गोलीबारी के बीच असम राइफल्स के जवान अपनी गाड़ी को लेकर सीधे वहां पहुंच गए, जहां मणिपुर पुलिस के जावन बुरी तरह से फंसे हुए थे. असम राइफल्स की टीम ने अपनी गाड़ी को धीरे-धीरे घायल पुलिसवालों के पास पहुंचाया और घायल पुलिस कर्मियों को एक-एक करके अपनी गाड़ी में चढ़ा लिया. इस घटना के वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे गोलीबारी में घायल हो चुके मणिपुर पुलिस के जवान एक के बाद एक असम राइफल्स की गाड़ी में सवार हो गए, जिसके बाद गाड़ी को सीधे अस्पताल ले जाया गया, जहां पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
बता दें कि मणिपुर में हिंसा की आग 3 मई को फैलनी शुरू हुई थी. इसके बाद से लेकर अब तक 6 महीने बाद भी यह आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. यहां कुकी और मैतेई समुदाय के बीच लगातार झड़पें हो रही हैं.