माता-पिता की सेवा अद्वितीय और महत्वपूर्ण धर्म है: डॉ लीला अग्रवाल

भायंदर। माता-पिता की सेवा एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण धर्म है। वे हमारे जीवन के प्रति अपना अच्छा और अशिष्ट बलिदान करते हैं। माता-पिता हमारे पहले शिक्षक और मार्गदर्शक होते हैं, और उनका स्नेह और साथ हमें जीवन के सभी महत्वपूर्ण मोमेंट्स में आगे बढ़ने में मदद करता है। उपरोक्त विचार स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ लीला अग्रवाल ने व्यक्त किये।वे युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन(युथ फोरम) द्वारा भायंदर (वेस्ट) के सालासर कॉमप्लेक्स में आयोजित मातृ पितृ वंदना कार्यक्रम में बोल रही थी।उन्होंने कहा कि माता-पिता हमारी पहचान और आत्मसमर्पण का प्रतीक होते हैं। उनकी सेवा और प्रेम के बिना, हम अपने जीवन का सार्थक और सफल मार्ग नहीं चुन सकते। कार्यक्रम की अतिथि विशेष पूर्व नगरसेविका रीटा शाह ने कहा कि वे हमें नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारी की महत्वपूर्ण सिख देते हैं।

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टीवी कलाकार तशीन शाह ने कहा कि माता-पिता की सेवा करना हमारा धर्म है। हमें उनकी आयु और स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए, और उनकी आवश्यकताओं का खयाल रखना चाहिए। वे हमारे जीवन के अधिकांश समय काम करके हमें सफलता पाने का मौका देते हैं, और हमें उनका साथ देने का आदर और प्रेम देना हमारी जिम्मेदारी होती है।इसलिए, हमें माता-पिता की सेवा करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। उनके साथ हमारे जीवन को सखाने का मौका होता है, और उन्हें उनके समर्पण के साथ धन्यवाद देना हमारा कर्तव्य होता है। फोरम के अध्यक्ष दीपक जैन ने डॉ उदय मोदी द्वारा निर्मित होनेवाले माँ बापनु मंदिर इमारत इमारत में दानदाताओं से दान की अपील की।श्रवण टिफिन सेवा के डॉ मोदी ने कहा कि वृद्धाश्रम भारत की संस्कृति नहीँ हैं।भावना जैन ने स्वस्थ रहने की टीप्स दी।आभार फोरम के कोषाध्यक्ष सूरज नांदोला ने व्यक्त किया।कार्यक्रम के विशेष सहयोगी श्री सालासर मित्र मंडल,बबीता थानजी परिहार, महावीर बोकाड़िया, गौ सेवा मित्र मंडल थे। इस अवसर पर रमेश बंबोरी, योगेंद्र नांदोला,अनिता गाड़ोदिया, वीणा जैन,राहुल यादव,संतोष शिंदे,शेरॉन सलढाना, सौ संतोष अग्रवाल,क्रुणाल दोशी,बिंदु सिंह,सुनीता बंसल,चंद्रप्रभा बोकाड़िया आदि उपस्थित थे।

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