झारखंड के युवाओं को बड़ी सौगात, अभ्यर्थियों को JPSC के 93 दिया नियुक्ति पत्र

रांची: रांची के प्रोजेक्ट भवन में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह प्रदेश के सीएम हेमंत सोरेने के द्वारा किया गया. सीएम ने झारखंड लोक सेवा आयोग के 93 अनुसंशित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया. नगर विकास व आवास विभाग के तहत 47 सहायक अभियंताओं को मिला. साथ ही वाणिज्य कर विभाग अंतर्गत लिपिकीय सेवा संवर्ग वर्गीय लिपिक के 46 पद के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति पत्र दिया गया. इस दौरान अभ्यर्थियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समारोह में दो विभाग के अहम भूमिका है, नगर विकास और वाणिज्य कर विभाग का. जिनको भी नियुक्ति पत्र मिला है, उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं. मुझे लगता है इस दिन के लिए आप लोग बरसों से सपने भी संजो रहे थे, प्रयास भी कर रहे थे कि सरकार नौकरी मिले.

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यह भी पढ़ें- गरीबों के निवाले पर अधिकारियों का डाका! मिलीभगत से बंदरबांट का खेल झारखंड के युवाओं को बड़ी सौगात कई तरीके के कार्य होते हैं व्यक्तिगत कार्य में अपनी भूमिका, प्राइवेट जगह पर कार्य करते हुए सरकार के अंग के रूप में काम करने का, लेकिन आम जनों की यह सोच होती है कि हमें सरकारी नौकरी मिले और इसके लिए आप कहीं जलदोजहद भी करते हैं. लगभग 100 की संख्या में आज यहां एकत्रित हुए हैं, जिनका नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. यह पहला अवसर नहीं है. इससे पहले भी हम लोगों ने कई नियुक्तियां दी है और यह सिलसिला बहुत ही कम समय में तेजी से हुआ है. यहां से बीडीओ, सीओ, डीएसपी, बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली हुई है. पहली बार राज्य में कृषि पदाधिकारी को नियुक्त हमने किया. पहली बार हम लोगों ने राज्य में खेल पदाधिकारी और पंचायत सेवकों की नियुक्तियां की है. कुछ ऐसी नियुक्तियां की संख्या इतनी ज्यादा थी कि हमें खेल गांव का बड़ा सभागार उपयोग करना पड़ा.

JPSC के 93 अभ्यर्थियों को दिया नियुक्ति पत्र एक लंबी लड़ाई के बाद हमने सत्ता संभाला तो कोरोना जैसी चुनौती आ गई, उसके बाद राज्य सुखाड़ के चपेट में भी आया. झारखंड संसाधनों के विषय में, शिक्षा के विषय में पिछड़ा है. यहां जो भी बहालियां होती थी, कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ जाता था. हमारा स्पष्ट उद्देश्य था कि सर्वप्रथम इस राज्य के झारखंडी बच्चों को, भाइयों-बहनों को कैसे नियुक्ति मिले, रोजगार मिले. हम लोगो ने सरकारी ही नहीं, बल्कि प्राइवेट सेक्टर में भी बहालिया की है. उसके साथ हमने राज्य में कानून भी बनाया, जितने भी इंडस्ट्री, उद्योग लगे हैं उसमें 75% नियुक्ति होगी, वो यहां के लोगों की होगी. उसी को धरातल पर उतरने के लिए हमने कई जगह पर कैंप लगाकर नियुक्ति पत्र वितरण किया. ऐसा नहीं है कि हमने किसी भी प्राइवेट कंपनी में नियुक्ति दी बड़ी-बड़ी कंपनियों में नियुक्तिया दी जा रही है. जो दिल को सुकून पहुंचनाता है.

सीएम हेमंत सोरेन ने बांटा नियुक्ति पत्र देश में आज इस तरह से नीति निर्धारण हो रहा है कि शायद जो नीतियां बनाने वाले लोगों को सरकारी व्यवस्था से निराशा हाथ लगा है. यही वजह है कि आज हर चीज प्राइवेटाइजेशन में जा रहा है. मैं समझता हूं देश में 80% लोग जो खेती-बाड़ी से जुड़े हैं. उनके बारे में कौन सोचेगा. हमारा राज्य जो देश के सबसे पिछड़े राज्यों के संज्ञान में आता है, सबसे पिछड़े राज्य की उपाधि भी हमें प्राप्त हुआ है. यह बोलने में अच्छा नहीं लगता है, बहुत बुरा लगता है. मैं यह बोलता हूं तो मैं कितनी तकलीफ से यह बात कह रहा हूं. वहीं कहीं कुछ छोटी-मोटी घटना सुनने को मिलता है कि आज कुछ एक चीजों में अव्वल स्थान में झारखंड अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है. वित्त प्रबंधन में हम गुजरात से भी आगे निकल गए हैं.

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